बोरवेल में गिरे 7 साल के मासूम की मौत, बंदर पकड़ते हुए हादसा

बोरवेल में गिरे 7 साल के मासूम की मौत, बंदर पकड़ते हुए हादसा
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  • बोरवेल 60 फीट गहरा है। बोर के पास जेसीबी से 45 फीट गहरा पैरेलल गड्ढा खोदा गया था।
  • विदिशा से आशुतोष शर्मा की रिपोर्ट

विदिशा। मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में 7 साल के बच्चे को बोरवेल में गिरे हुए करीब 12 घंटे से ज्यादा समय बीत चुके थे। वह बोरवेल में 43 फीट पर फंसा हुआ था। पुलिस और एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में लगातार जुटी रहीं। बच्चे को बाहर निकाल लिया गया। मौके पर तैनात एम्बुलेंस के द्वारा नजदीकी हॉस्पिटल में भेजा गया। उपचार शुरू होता उससे पहले ही 7 वर्षीय बालक लोकेश अहिरवार ने डैम तोड़ दिया। प्रशासन द्वारा बोर के पास जेसीबी से 45 फीट गहरा पैरेलल गड्ढा खोदा गया था। इसमें दो पोकलेन मशीन भी इसमें लगी थी। रेस्क्यू टीम को खुदाई करते-करते वहां एक सख्त चट्टान का भी सामना करना पड़ा। इसको तोड़ने के लिए सिरोंज से एक और पोकलेन मशीन मंगवाई गई थी।


प्रशासन और रेस्क्यू टीम द्वारा टनल बनाकर बच्चे को निकाला गया। मौके पर विदिशा कलेक्टर उमाशंकर भार्गव और लटेरी एसडीएम हर्षल चौधरी, एडिशनल एसपी समीर यादव मौके पर मौजूद रहे। कलेक्टर ने बताया कि खेतों में मशीनरी और प्रशासन की गाड़ियों से किसानों की फसलों को क्षति हुई है। इन किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लटेरी हर्षल चौधरी ने बताया कि घटना मंगलवार सुबह 11 बजे की है, जब बालक लोकेश अहिरवार पुत्र दिनेश अहिरवार बंदरों का पीछा करते हुए बोरवेल में गिर गया। प्रशासन ने तत्काल बचाव कार्य प्रारंभ कर दिए थे। बिना केसिंग के 60 फीट के बोरवेल में बच्चा 43 फीट पर फंसा हुआ था। सुबह साढ़े 11 बजे से बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। बोर में अंधेरे में देखने वाले नाइट विजन कैमरे को भी पहुंचाया गया। कैमरा बच्चे की गतिविधि की जानकारी देता रहा। बचाव स्थल के पास पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम भी तैनात की गई।

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