एकनाथ शिंदे बने महाराष्ट्र के नए सीएम, देवेंद्र फडणवीस ने ली उपमुख्यमंत्री पद की शपथ
मुंबई। महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट का बेहद चौकाने वाला अंत हुआ। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। इसके अलावा देवेंद्र फडणवीस ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने सरकार में शामिल होने से इंकार कर दिया था। बाद में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अनुरोध पर उपमुख्यमंत्री बनने के लिए मान गए। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा की केंद्रीय नेतृत्व ने फैसला किया है कि देवेंद्र फडणवीस को सरकार का हिस्सा बनना चाहिए।
पिछले 10 दिनों तक राज्य से बाहर रहे एकनाथ शिंदे आज दोपहर मुंबई लौटे। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा नेताओं के साथ राजभवन में जाकर राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मुलाक़ात की। उन्होंने राज्यपाल को भाजपा के 106 विधायकों का तथा शिंदे गुट के 50 विधायकों के समर्थन का दावा सरकार बनाने के लिए पेश किया। इसके बाद राज्यपाल भगतसिंह ने एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने का न्योता दिया है।
हिंदुत्व के लिए समर्थन दिया -
महाराष्ट्र के संभावित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज भवन में पत्रकारों को संबोधित किया। देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि एकनाथ शिंदे आज शाम को अकेले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इसके बाद बहुत जल्द वे अपने मंत्री समूह का विस्तार जल्द करेंगे। भाजपा ने शिंदे को हिंदुत्व के लिए समर्थन दिया है।
2019 में साथ चुनाव लड़ा -
उन्होंने कहा की 2019 में BJP और शिवसेना साथ में चुनाव लड़ी। पीएम मोदी जी के नेतृत्व में हमें पूर्ण बहुमत मिला। पीएम जी ने चुनाव के दौरान BJP के मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की और वो नाम सबको मंजूर भी था। लेकिन चुनाव के बाद शिवसेना के नेताओं ने निर्णय किया कि बालासाहेब ठाकरे जी ने जिन विचारों का जीवन भर विरोध किया ऐसे लोगों के साथ उन्होंने गठबंधन किया। इसके बाद हमने ढाई साल में एक सरकार देखी जिसमें न कोई तत्व, न कोई विचार और न गति थी। वो लोग चालू इंफ्रास्ट्रक्चर को बंद कर रही थी। वो लगातार भ्रष्टाचार में लिप्त थे।
कांग्रेस और एनसीपी के साथ नहीं रह सकते
फडणवीस ने आगे कहा की एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों ने मांग की कि हम कांग्रेस और एनसीपी के साथ नहीं रह सकते और ये गठबंधन खत्म किया जाए लेकिन इनकी मांग पूरी नहीं हुई इसलिए इन विधायकों ने अपनी आवाज बुलंद की।
एकनाथ शिंदे ने पत्रकारों को बताया कि पिछली सरकार में वे नगर विकास मंत्री थे, लेकिन काम करने में मर्यादा थी। खुलकर काम नहीं कर पा रहे थे। भाजपा व शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन लगातार हमें कमजोर किया जा रहा था। इसी वजह से शिवसेना के 39 विधायकों ने नाराजगी जताई थी। इस समय संख्याबल देवेंद्र फडणवीस के साथ है और वे खुद मुख्यमंत्री बन सकते थे लेकिन उन्होंने बड़ा मन दिखाते हुए उन्हें मुख्यमंत्री का पद पेश किया है। एकनाथ शिंदे ने कहा कि वे भाजपा की कसौटी पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे तथा राज्य को विकास की राह पर ले जाएंगे।