राष्ट्रपति चुनाव का ऐलान, 18 जुलाई को होगी वोटिंग, जानिए चयन की पूरी प्रक्रिया
नईदिल्ली। चुनाव ने आज देश के 16वें राष्ट्रपति के चुनाव का ऐलान कर दिया है। आयोग के अनुसार 29 जून तक नॉमिनेशन किए जाएंगे। 18 जुलाई को पूरे देश में एक साथ वोटिंग और 21 जुलाई को परिणाम घोषित होंगे। आयोग ने कहा कि हर प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी कराई जाएगी।वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा हो रहा है। इसके अगले दिन नए राष्ट्रपति शपथ लेंगे। इस चुनाव में आमजनता वोट नहीं डालती बल्कि सभी राज्यों के विधायक और लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोट डालते हैं. उसके जरिए नया राष्ट्रपति चुना जाता है।
उन्होंने बताया कि देश के 776 सांसद और 4033 विधायक राष्ट्रपति पद के लिए मतदान कर सकते हैं। इन्हें पार्टियां किसी उम्मीदवार को वोट करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती। वोट प्राथमिकता के आधार पर होगा।राष्ट्रपति पद के लिए केवल दिल्ली में ही नामांकन होगा। वहीं मतदान संसद और राज्य विधानसभाओं में होगा।
अप्रत्यक्ष प्रणाली से होता है निर्वाचन -
राष्ट्रपति का चुनाव प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, पंचायत, निकायों की तरह सीधे प्रत्यक्ष तौर पर जनता द्वारा नहीं होता है। बल्कि अप्रत्यक्ष प्रणाली से होता है। जिसमें लोकसभा, राज्यसभा के सभी सांसद और सभी राज्यों के विधायक वोट डालते हैं। इन सभी के मतों का मूल्य अलग-अलग होता है। एक सांसद के वोट की वैल्यू 708 होती है। वहीं, विधायकों के वोट की वैल्यू उस राज्य की आबादी और सीटों की संख्या पर निर्भर होती है।
ये सदस्य डालेंगे वोट -
राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा के सभी 543 सदस्य वोट डालेंगे। वहीँ 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में मनोनीत 12 सांसदों को छोड़कर 233 सांसद हो वोट डालेंगे। इसके अलावा सभी राज्यों की विधानसभा के विधायक भी वोटिंग में भाग लेंगे। इस चुनाव में विधान परिषद के सदस्य शामिल नहीं होते। इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में जम्मू-कश्मीर को छोड़ सभी राज्यों के कुल 4 हजार 120 विधायक राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेंगे। जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग होने के कारण विधायक निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाएंगे। हालाँकि यहां के लोकसभा सदस्य चुनाव में भाग लेंगे।