मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में भारत के चुनाव आयुक्त अरुण गोयल बने पर्यवेक्षक, भारत के लिए अहम
नईदिल्ली। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल मालदीव में जारी राष्ट्रपति चुनाव में पर्यवेक्षक के तौर पर वहां गया हुआ है। कल मालदीव में राष्ट्रपति पद के लिए प्रथम चरण का मतदान हुआ। इसमें किसी को बहुमत नहीं मिलने पर अब 30 सितंबर को सबसे ज्यादा मत पाने वाले पहले दो उम्मीदवारों के बीच चयन के लिए मतदान होगा। ये चुनाव भारत के लिए अहम है
दरअसल, राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को भारत समर्थक माना जाता है। वह दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, उनके मुख्य विपक्षी उम्मीदवार मोहम्मद मुइज की पार्टी ‘पीपुल्स नेशनल कांग्रेस’ को चीन समर्थक माना जाता है। इसलिए भारत में जी20 सम्मेलन के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन चुनावों के परिणामों की फिक्र जरूर होगी। भले ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत नहीं आए हों, लेकिन उन्हें भी यह जानने में दिलचस्पी होगी कि आखिर देश का राष्ट्रपति कौन बनेगा।इन चुनावों के नतीजों को भारत और चीन दोनों पर ही असर पड़ने वाला है। अगर राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह जीतते हैं तो चीन परेशान होगा और अगर चीन समर्थक मोहम्मद मुइज को जीत मिलती है तो भारत के लिए परेशानी बढ़ेगी।
मतदान केंद्रों का दौरा
चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में उपचुनाव आयुक्त अजय भादू और प्रमुख सचिव प्रमोद कुमार शर्मा शामिल हैं। इन्होंने माले और हुलहुमाले में स्थित 22 मतदान केंद्रों का दौरा किया और मतदान प्रक्रिया, मतदाता प्रणाली और प्रक्रिया का अवलोकन किया।यहां उन्हें पंजीकरण और पहचान, मतदान के लिए बूथों की व्यवस्था और मालदीव के चुनाव आयोग की कई पहलों से अवगत कराया गया। चुनाव अवलोकन कार्यक्रम में अन्य देशों और संगठनों के अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने भी भाग लिया।
तीन अन्य आयुक्त शामिल
उल्लेखनीय है कि मालदीव के चुनाव आयोग में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और तीन अन्य आयुक्त शामिल हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए योग्य मतदाताओं की संख्या 2,82,395 (पुरुष: 1,44,199 और महिला: 1,38,196) है। यहां 574 मतपेटियां (मतदान केंद्र) हैं और एक मतपेटी में पंजीकृत मतदाताओं की अधिकतम संख्या 850 है। इनमें से 8 पेटियां विदेश में रहने वाले मालदीव के नागरिकों के लिए विदेशों में स्थापित की गई हैं।