2023 से हाईवे पर पेट्रोल और डीजल के साथ-साथ बिजली से दौड़ेंगी गाड़ियां, ट्रेन की तरह चलेंगे वाहन
प्रतीकात्मक
नईदिल्ली। भारत सरकार देश में जल्द इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की दिशा में काम कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी घोषणा की है। सरकार पहले चरण में राजधानी दिल्ली से मुंबई तक इलेक्ट्रिक हाइवे बनाने की तैयारी में है।बता दें की भारत में भले ये कल्पना लगती हो लेकिन वर्तमान में कई देशों में इलेक्ट्रिक हाइवे अस्तित्व में आ चुके है। जिनका सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है।जर्मनी और स्वीडन के इसके उदाहरण हैं. वहीं ब्रिटेन में भी इसे बनाने की परमिशन मिल चुकी है. दुनियाभर में ईधन को बचाने के लिए ऐसे हाइवे को बढ़ावा दिया जा रहा है.
केंद्रीय मंत्री ने बीते सोमवार को कहा कि सरकार सौर ऊर्जा से चलने वाले इलेक्ट्रिक हाईवे विकसित करने पर काम कर रही है। यह ट्रकों और बसों को चार्ज करने की सुविधा प्रदान करेगा।इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईएसीसी) के 19वें भारत-अमेरिका आर्थिक शिखर सम्मेलन का वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करते हुए गडकरी ने दोहराया कि सरकार बिजली पर भारत की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली विकसित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि आज भारत इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और कारों के लिए सबसे बड़ा ईवी बाजार बन रहा है। सरकार विद्युत गतिशीलता के लिए सौर और पवन ऊर्जा आधारित चार्जिंग तंत्र को दृढ़ता से प्रोत्साहित कर रही है। गडकरी ने कहा कि हम इलेक्ट्रिक हाईवे के विकास पर भी काम कर रहे हैं जो सौर ऊर्जा से संचालित होगा, इससे चलने के दौरान भारी शुल्क वाले ट्रकों और बसों को चार्ज करने में सुविधा होगी।
उन्होंने कहा कि यूएस-आधारित कंपनियां ईवी बैटरी प्रौद्योगिकियों और रेट्रोफिटिंग उद्योग की दिशा में हमारे अनुसंधान और विकास प्रयासों के साथ सहयोग कर सकती हैं। मंत्री ने कहा कि हमारा राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन और परिवहन के लिए प्रोत्साहन प्रदान करता है। गडकरी ने चैंबर से कम लागत और विश्वसनीय इलेक्ट्रोलाइजर्स और हाइड्रोजन ईंधन सेल प्रौद्योगिकी के विकास में योगदान करने का आह्वान किया।केंद्रीय मंत्री ने अमेरिका के निवेशकों से आगे आने और भारत में सड़कों और राजमार्ग परियोजनाओं में निवेश करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के साथ विश्व के प्रमुख लोकतंत्र हैं। हमारा जोर समावेशी विकास मॉडल के साथ एक स्थायी व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर रहा है।
गडकरी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में सड़क अवसंरचना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि 70 प्रतिशत माल और लगभग 90 प्रतिशत यात्री यातायात सड़क नेटवर्क का उपयोग आवागमन के लिए करते हैं। 2014 में, हमारे पास लगभग 91,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क था। वर्तमान में यह नेटवर्क लगभग 1.47 लाख किलोमीटर तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि सरकार 2025 तक राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को 2 लाख किलोमीटर तक बढ़ाने के लिए समर्पित रूप से काम कर रही है।मंत्री ने कहा कि हम 5 लाख करोड़ रुपये यानी करीब 60 अरब डॉलर के निवेश से पूरे देश में 10,000 किलोमीटर के 27 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन गलियारों से प्रमुख आर्थिक केंद्रों के बीच यात्रा दूरी में 14 प्रतिशत की कमी आएगी और इससे परिवहन लागत में 2.5 प्रतिशत की कमी सुनिश्चित होगी। इसके अलावा, लगभग 110 करोड़ लीटर ईंधन की बचत होगी और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में हर साल 250 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी।