'538 सीटों पर वोट गिनने में हुई गड़बड़ी' ADR की ये रिपोर्ट बवाल खड़ा करेगी

538 सीटों पर वोट गिनने में हुई गड़बड़ी ADR की ये रिपोर्ट बवाल खड़ा करेगी

'538 सीटों पर वोट गिनने में हुई गड़बड़ी' ADR की ये रिपोर्ट बवाल खड़ा करेगी

Error in Counting Of Votes ADR Claim : चुनाव आयोग ने अब तक इसे लेकर कोई प्रतिक्रया नहीं दी है।

Error in Counting Of Votes ADR Claim : नई दिल्ली। 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (ADR) ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव में 538 निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए मतों और गिने गए मतों की संख्या में अंतर है। एडीआर के संस्थापक जगदीप छोकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी है। यह खबर आग की तरह फ़ैल रही है और इस पर जल्द ही बवाल खड़ा होना भी तय है। चुनाव आयोग ने अब तक इसे लेकर कोई प्रतिक्रया नहीं दी है लेकिन EVM पर सवाल उठाने वालों के लिए ये खबर किसी बड़े खुलासे से कम नहीं है।

ADR की रिपोर्ट (ADR Report ) के मुताबिक 362 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए मतो की तुलना में कुल 5,54,598 वोट कम गिने गए जबकि 176 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए वोटों की तुलना में कुल 35,093 मत अधिक गिने गए। हालांकि, एडीआर द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि, वोट काउंटिंग में इस अंतर की वजह से कितनी सीटों पर परिणाम अलग हो सकते थे।

एडीआर द्वारा विश्लेषित आंकड़ों के अनुसार, 538 निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए वोटों और गिने गए वोटों में अंतर दर्ज किया गया है। 362 निर्वाचन क्षेत्रों में गिने गए वोट, डाले गए वोटों से कम हैं। 176 निर्वाचन क्षेत्रों में गिने गए वोट, डाले गए वोटों से ज़्यादा हैं। इसमें डाक वोट शामिल नहीं हैं, बल्कि ईवीएम डेटा और नोटा वोट शामिल हैं। इस डेटा का विश्लेषण करने के बाद तीन स्वतंत्र स्रोत एक ही निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि, 538 निर्वाचन क्षेत्रों के डेटा में विसंगति है।

जगदीप छोकर ने कहा कि, "मैंने स्वतंत्र रूप से डेटा क्रंचिंग की और 2024 के चुनावों के लिए वोट डाले गए और गिने गए डेटा के लिए अपने विश्लेषण को ADR से मिलान किया। हमने पाया कि 543 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए हमारे निष्कर्ष मेल खाते हैं। हर आम चुनाव के बाद, उस वर्ष सितंबर में, EC एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करता है।2019 के बाद भी यही जारी किया गया था - उस समय 4-5 निर्वाचन क्षेत्रों को छोड़कर अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों के लिए डेटा पूरी तरह से मेल खाता था। हालाँकि, यह लोकसभा चुनाव 2024 के वोट डाले गए और गिने गए डेटा के बारे में सच नहीं है।"

जगदीप छोकर ने आगे कहा फिर सवाल उठता है कि, जब 2019 में डेटा मेल खाता था तो 2024 में क्यों नहीं मेल खा रहा है? विवादास्पद मुद्दा यह है कि आधिकारिक डेटा में विसंगतियां हैं। ऐसे मामले में, क्या हमें VVPAT पर्चियों की गिनती नहीं करनी चाहिए। हम ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं? इसके अलावा उन्होंने कहा कि, ऐसे निर्वाचन क्षेत्र कैसे हैं जहां एक्स्ट्रा वोटों की गिनती की जा रही है जैसे कि 176 निर्वाचन क्षेत्रों में

की गई है।

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