मप्र में किन्नरों को मिला OBC आरक्षण, BPCL का लगेगा प्लांट, जानिए कैबिनेट के अन्य निर्णय

मप्र में किन्नरों को मिला OBC आरक्षण, BPCL का लगेगा प्लांट, जानिए कैबिनेट के अन्य निर्णय
X
गेहूँ निर्यात पर मंडी शुल्क प्रतिपूर्ति संबंधी संशोधन की स्वीकृति

भोपाल। मप्र में अब किन्नर ओबीसी वर्ग में शामिल होंगे। उन्हें ओबीसी वर्ग के तहत आरक्षण का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ये अहम निर्णय लिया गया। किन्नरों को पिछड़ा वर्ग की सूची में क्रमांक 94 पर ट्रांसजेंडर को शामिल किया जाएगा।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कि अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। कैबिनेट बैठक में 'मप्र राज्य मिलेट मिशन' योजना की घोषणा की गई।मिलेट मिशन के अंतर्गत मोटे अनाज का प्रचार-प्रसार, उत्पादन और उपयोग के आयाम पर कार्य होगा। मिलेट मिशन की अवधि 2023-24 और 2024-25 दो वर्षों के लिए रहेगी। मिलेट मिशन के अंतर्गत किसानों को मोटे अनाज के बीज 80% सब्सिडी पर कराए जाएंगे उपलब्ध। उन्होंने आगे कहा कि मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को अलग-अलग कार्यशालाओं के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही मोटे अनाज के वैल्यू एडिशन के लिए जन जागरण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।लोगों में मोटे अनाज को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकारी कार्यक्रमों में परोसे जाने वाले भोजन में एक डिश मोटे अनाज की शामिल की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने स्कूल में बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील में हफ्ते में एक दिन मोटे अनाज से बना भोजन दिए जाने की संभावनाओं पर विचार करने के निर्देश दिए।प्रदेश के छात्रावासों में हफ्ते में एक दिन मोटे अनाज के बना भोजन छात्रों को परोसे जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।मोटे अनाज मिशन के अंतर्गत किसानों को बीज उपलब्ध कराने, जन जागरण एवं अन्य कार्य के लिए अलग से ₹2325 लाख की राशि के प्रावधान का अनुमोदन किया गया।

ट्रांसजेंडर समुदाय को आरक्षण -

माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन करते हुए ट्रांसजेंडर समुदाय को मप्र पिछड़ा वर्ग की सूची 94 में सम्मिलित किया गया है। मंत्री-परिषद द्वारा सिंचाई की दो वृहद परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई।उज्जैन जिले के महिदपुर विकासखंड के ग्राम डुंगरिया के पास शिप्रा नदी पर ₹104 करोड़ लागत की सिंचाई परियोजना। टिकटोली डिस्ट्रीब्यूटरी परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।

बीना रिफाइनरी के कैंपस में एक और प्लांट

आज का दिन मप्र में निवेश के सबसे बड़े दिन के रूप में स्थापित हो रहा है। निवेश संवर्धन समिति की बैठक में BPCLimited को प्रदेश में अब तक के सबसे बड़े निवेश के लिए बड़ी रियायतें देने का निर्णय हुआ।भारत पेट्रोलियम द्वारा बीना रिफाइनरी के कैंपस में एक और प्लांट का विस्तार प्रस्तावित है। जिसमें ₹45 से 50 हजार करोड़ का निवेश होगा। इस प्लांट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग दो लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।

गेहूँ निर्यात पर मंडी शुल्क प्रतिपूर्ति संबंधी संशोधन की स्वीकृति -

मंत्रि-परिषद ने गेहूँ निर्यात पर मंडी शुल्क प्रतिपूर्ति संबंधी विभागीय अधिसूचना 7 अप्रैल 2022 में संशोधन की स्वीकृति दी। संशोधन अनुसार प्रदेश के किसी भी कृषि उपज मंडी क्षेत्र में निर्यात के उद्देश्य से क्रय की गई अधिसूचित कृषि उपज "गेहूँ" पर मंडी फीस की प्रतिपूर्ति का लाभ प्रदान करने पर विचार किया जायेगा। मंडी फीस की प्रतिपूर्ति, अधिसूचित कृषि उपज "गेहूँ" की भुगतान पत्रक से क्रय की गई मात्रा पर प्राप्त होगी। देश के अन्य राज्यों से व्यापारियों द्वारा वाणिज्यिक प्रयोजन के अनुक्रम में क्रय एवं विक्रय की गई अधिसूचित कृषि जिन्स पर मंडी फीस की प्रतिपूर्ति नहीं की जायेगी। मंडी फीस की प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य होगा। मंडी शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि का वहन मंडी बोर्ड के बजट प्रावधान के कृषि उपज निर्यात प्रोत्साहन मद से किया जावेगा।

ट्रांसजेण्डर को पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने की स्वीकृति -

मंत्रि-परिषद ने ट्रांसजेण्डर को मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग की सूची के क्रमांक 93 के बाद क्रमांक 94 में सम्मिलित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की।

उज्जैन में डुंगरिया सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा डुंगरिया सूक्ष्म सिंचाई परियोजना लागत राशि 104 करोड़ 74 लाख रूपये, सैंच्य क्षेत्र 3 हजार हेक्टेयर की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। परियोजना से सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से उज्जैन के महिदपुर विकासखण्ड के 8 ग्रामों को सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।

टिकटोली डिस्ट्रीब्यूटरी परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा टिकटोली डिस्ट्रीब्यूटरी (हरसी उच्च स्तरीय मुख्य नहर से पोषित) परियोजना लागत 44 करोड़ 90 लाख रूपये, सैंच्य क्षेत्र 3 हजार 700 हेक्टेयर की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। परियोजना से ग्वालियर जिले के 27 ग्रामों के कृषकों को सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।

अन्य निर्णय

मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार की प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान में (PM-AASHA) प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) एवं मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) में ग्रीष्मकालीन वर्ष 2021-22 (विपणन वर्ष 2022-23) में मूंग एवं उड़द का पंजीकृत कृषकों से उपार्जन, राज्य उपार्जन एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा किए जाने का निर्णय लिया।

Tags

Next Story