अफगानिस्तान में हालात ठीक नहीं, तालिबान वादों पर खरा नहीं उतरा : विदेश मंत्री
नईदिल्ली। केंद्र सरकार ने आज अफगानिस्तान के हालातों पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई। जिसमें विदेश मंत्री ने सभी विपक्षी और सहयोगी दलों के नेताओं को अफगानिस्तान की ताजा स्थिति की जानकारी दी।इस बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन मेघवाल भी मौजूद थे। अफगानिस्तान में भारत के राजदूत रूद्रेंद्र टंडन तथा विदेश सचिव हर्ष शृंगला ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
इस दौरान अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने के लिए भारत की तरफ से की जा रही कोशिश और मौजूदा स्थिति के बारे में भी जानकारी देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में वर्तमान में हालात ठीक नहीं हैं। दोहा में जो तालिबान ने वादे किए थे, वह उसपर खरा नहीं उतरा है। हम अपने लोगों को निकाल रहे है। भारत अबतक सैकड़ों नागरिकों को काबुल से दिल्ली ला चुका है। बड़े स्तर पर रेस्क्यू अभियान जारी है।
उन्होंने आगे कहा कि आपरेशन 'देवी शक्ति' के तहत हमारी 6 उड़ानें हैं। हम अधिकांश भारतीयों को वापस लाए हैं लेकिन उन सभी को नहीं क्योंकि उनमें से कुछ लोग उड़ान के दिन नहीं पहुंच सके। हम निश्चित रूप से कोशिश करेंगे और सभी को बाहर लाएंगे। हमने कुछ अफ़ग़ान नागरिकों को भी निकाला है।
सुरक्षित वापसी के लिए सरकार प्रतिबद्ध -
उन्होंने बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में कहा की 31 पार्टियों के 37 नेता बैठक में मौजूद थे। इस मुद्दे पर सरकार और सब राजनीतिक पार्टियों की एक जैसी राय है। हम ज़्यादातर भारतीयों को वापस ले आए हैं लेकिन सबको वापस नहीं लाए हैं। हम कुछ अफ़ग़ान नागरिकों को भी लाए हैं जो इस समय भारत आना चाहते थे।सरकार जल्दी से जल्दी लोगों की पूरी वापसी सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
ये नेता हुए शामिल -
बैठक में एम के असदुद्दीन ओवैसी, बहुजन समाज पार्टी के रितेश पांडे, लोकजनशक्ति पार्टी के पशुपति पारस, राष्ट्रीय जनता दल के प्रेमचंद गुप्ता ,कांग्रेस के मलिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम, आरएसपी के एनके प्रेम चंद्रन, तेदपा के जयदेव गल्ला, बीजू जनता दल के प्रसन्न आचार्य, जेडीयू के ललन सिंह, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय तथा शुभेंदु शेखर रॉय, अन्नाद्रमुक के नवनीत कृष्णन और द्रमुक के तिरुचि शिवा ने भाग लिया।