प्रधानमंत्री की अपील के बाद किसान चर्चा के लिए तैयार, कहा - सरकार तारीख बताये
नईदिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 75 दिन से आंदोलन कर रहे किसान एक बार फिर सरकार से चर्चा के लिए तैयार हो गए है। किसानों ने ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों के विरोध में जारी आंदोलन को समाप्त करने की अपील के बाद लिया है। पीएम की अपील के बाद किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा की संयुक्त किसान मोर्चा सरकार से चर्चा के लिए तैयार है। सरकार बातचीत के अगले दौर की तारीख तय करे।
सरकार के साथ चर्चा के लिए तैयार होने के साथ ही किसान नेताओं ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर आपत्ति जताई है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज राज्यसभा में कहा - मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में नई जमात पैदा हुई है। एक नई बिरादरी सामने आई है- आंदोलनजीवी। आप देखेंगे कि आंदोलन चाहे वकीलों का हो, स्टूडेंट्स का हो, मजदूरों का हो, हर आंदोलन में ये जमात नजर आएगी। ये आंदोलन के बिना जी नहीं सकते। हमें इन्हें पहचानना होगा।' किसान संगठनों ने इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई है। किसान नेताओं ने आपत्ति जताते हुए कहा किसान नेताओं का कहना है कि लोकतंत्र में आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका है।
बता दें की रविवार कोकृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था की किसान आंदोलन का हल जल्द निकल जाएगा। वहीँ रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा था की सरकार किसान संगठनों से चर्चा के लिए तैयार है। यदि किसान कोई नया प्रस्ताव लेकर आते है तो सरकार दोबारा बातचीत करेगी
11 दौर की चर्चा बेनतीजा -
उल्लेखनीय है की कृषि कानूनों को लेकर चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए अब तक सरकार किसानों के बीच 11 दौर की चर्चा हो चुकी है। जिसमें कोई थोड़ परिणाम ना निकलने की वजह से आंदोलन जारी है। हालांकी सरकार ने कृषि कानूनों एक से डेढ़ वर्ष के लिए निलंबित कर संसोधन के लिए समिति बनाने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन किसान कृषि कानूनों की वापसी एवं एमएसपी की कानूनी गारंटी देने पर अड़े हुए हैं