किसान आंदोलन जारी, किसानों ने खारिज किया चर्चा का प्रस्ताव

किसान आंदोलन जारी, किसानों ने खारिज किया चर्चा का प्रस्ताव
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नईदिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन बुधवार को 28वें दिन भी जारी है। अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे किसान अब भी सरकार से बातचीत को लेकर भी उत्साहित नहीं दिख रहे हैं, तभी तो किसान संगठनों ने सरकार की ओर से बातचीत के लिए भेजे गए आमंत्रण पर निर्णय लेते हुए किसान संगठनों ने प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया। किसान दिवस पर किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज करने की भी बात कही है।

दरअसल, सरकार ने रविवार को किसानों 10 पॉइंट्स का प्रस्ताव भेजा था। जिसे किसानों ने ख़ारिज कर दिया है। किसान नेताओं ने कहा की सरकार यह कहकर गुमराह कर रहीं है की हम चर्चा नहीं कर रहे है। किसानों ने कहा की हम चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन सरकार पहले ठोस प्रस्ताव दें। चर्चा के लिए सरकार को अनुकूल माहौल बनाना चाहिए। रकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन

किसान दिवस के मौके पर गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसानों ने सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन भी किया है। उनका कहना है कि इस हवन के जरिए हमारी कोशिश है कि सरकार की सोच बदले और वो किसानों की बात को मान लें। उन्होंने यह भी कहा कि आज हमारे लंगर में एक समय का ही भोजन बनेगा, आंदोलनकारी किसान दोपहर का भोजन नहीं खाएंगे। किसानों ने अन्य लोगों से भी एक वक्त का अन्न त्यागने की अपील की है।

आज का किसान पढ़ा-लिखा-

दूसरी तरफ टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा है कि अगर सरकार को वाकई किसानों की परवाह है तो उन्हें किसान दिवस पर हमें तोहफा देते हुए कृषि कानून को रद्द कर देना चाहिए। आज का किसान पढ़ा-लिखा है और उसे इस कानूनों के बारे में पता है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति पर विचार किए जाने की बात कही है। उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल आज से हम एक समय खाना नहीं खाएंगे। 26 और 27 तारीख को दूतावासों के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। जबकि 27 तारीख को प्रधानमंत्री के 'मन की बात' कार्यक्रम के साथ सभी आंदोलनरत किसान ताली-थाली बजाकर विरोध जताएंगे।

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