किसान आंदोलन : भाकियू नेता का ऐलान कृषि कानून रद्द नहीं हुए तो करेंगे अनशन

किसान आंदोलन : भाकियू नेता का ऐलान कृषि कानून रद्द नहीं हुए तो करेंगे अनशन
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किसानों ने पंजाब-हरियाणा में फ्री किये टोल प्लाजा

नईदिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन आज 17वां दिन है। सरकार द्वारा कानून में संसोधन के प्रस्ताव को अस्वीकार कर किसानों ने आंदोलन को तेज कर दिया है। इसी के चलते किसानों ने हाइवे को बंद करने के साथ टोल प्लाजा फ्री करना शुरू कर दिया है। जिसका मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है। किसानों ने अंबाला में संभु एवं करनाल का बस्तार टोल प्लाजा फ्री किया। यहां से वाहन बिना पैसे चुकाए जा रहे है। वहीँ कई टोल प्लाजा पर लोग हाथों में पैसे लिए लाइन में लगे नजर आ रहे है। इसी के साथ प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तरप्रदेश के कई टोल प्लाजाओं की सुरक्षा बढ़ाई गई।

अनशन का ऐलान -

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने ऐलान किया कि यदि केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो वे 19 दिसम्बर को श्री गुरु तेगबहादुर जी के शहीदी दिवस पर अनशन पर बैठेंगे और तब तक अनशन पर बैठे रहेंगे तब तक उनके शरीर में सांस रहेगी। चढूनी ने कहा कि वे अनशन की शुरूआत खुद से करेंगे, क्योंकि वे किसान आंदोलन की अगुवानी कर रहे हैं। यदि उन्हें कृषि कानूनों को वापस कराने के लिए कुर्बानी देनी पड़ी तो वे इससे भी पीछे नहीं हटेंगे।

जनता को परेशान करना मकसद नहीं -

चढूनी ने यह भी कहा कि किसानों का जनता को परेशान करने का कोई मकसद नहीं है, लेकिन वे भाजपा नेताओं को गांवों में घुसने नहीं देंगे। उनका जगह-जगह बहिष्कार किया जाएगा। केंद्र सरकार कानूनों को वापस न लेने की जिद पर अड़ी हुई है। केंद्र सरकार की सद्बुद्धि के लिए गुरुद्वारों में अरदास हो रही है ताकि वह अपनी जिद छोड़कर किसानों के हितों की बात सुने।

उन्होंने कहा कि किसान 27 नवम्बर से दिल्ली की सीमा पर मोर्चाबंदी करके बैठे हुए हैं और तब तक बैठें रहेंगे, जब तक केंद्र सरकार कानूनों को वापस नहीं लेती है। चाहे आंदोलन एक महीना चले या फिर छह महीने, किसान मजबूत इरादों के साथ दिल्ली आए हैं। किसान आखिरी सांस तक लड़ेंगे या तो उनकी लाश वापस जाएगी या फिर कृषि कानून वापस होंगे। जब तक केंद्र सरकार नहीं मानती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा, चाहे कितना ही समय क्यों न लगे।

कृषि कानून किसानों के लिए फायदेमंद -

प्रधानमंत्री मोदी ने किसान आंदोलन के बीच फिक्की केएक कार्यक्रम में कहा की इन कृषि कानूनों से किसानो को लाभ मिलेगा। इन कानूनों द्वारा सभी दीवारें हटा दी गई है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी एवं कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा। जिससे किसानों को फायदा होगा।

देश विरोधी ताकतों को गिरफ्तार करे -

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन में देश विरोधी ताकतों के शामिल होने के सवाल पर कहा की यदि प्रतिबंधित संगठनों के लोग हमारे बीच है तो उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए। हमें यदि ऐसा कोई व्यक्ति मिलेगा तो उसे बाहर निकल देंगे।


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