पंजाब - हरियाणा में किसानों का प्रदर्शन, बैरिकेड तोड़े, चंडीगढ़ में जबरन घुसे
चंडीगढ़। षि कानूनों के विरोध में हरियाणा के कई जिलों से किसान शनिवार को चंडीगढ़ में पहुंचे। किसानों ने सात घंटे पंचकूला व चंडीगढ़ की सड़कों पर हंगामा किया। जगह-जगह बैरिकेड तोड़कर किसानों ने कई बार चंडीगढ़ राजभवन तक कूच करने का प्रयास किया। किसानों को राज्यपाल के प्रतिनिधि को ज्ञापन देकर वापस लौटना पड़ा। इस बीच किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते हजारों यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
कृषि कानूनों के विरोध में धरना दे रहे हरियाणा और पंजाब के किसानों ने सात माह पूरे होने पर आज चंडीगढ़ स्थित राजभवन की तरफ कूच किया। किसानों को रोकने के लिए सुबह से ही हरियाणा व चंडीगढ़ पुलिस ने राजभवन की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को सील कर रखा था।
बैरिकेड तोड़े -
हरियाणा के विभिन्न जिलों से आए हुए किसान बीकेयू प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में पंचकूला के एंट्री प्वांइट पर जमा हुए। हरियाणा के किसानों ने दोपहर करीब एक बजे पंचकूला के प्रवेश पर बना बैरिकेड तोड़ दिया और आगे बढऩा शुरू किया। केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए किसानों ने पुलिस द्वारा पंचकूला, नाडा साहिब आदि क्षेत्रों में लगाए बैरिकेड तोड़ दिए।
वाटर कैनन का प्रयोग -
पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसके बावजूद किसान आगे बढ़ते रहे। पुलिस ने हरियाणा से आए हुए किसानों पंचकूला के सेक्टर-छह के निकट चारों तरफ से घेर लिया। जिसके बाद किसान वहीं बैठ गए और बिजली निगमों के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों ने करीब दो घंटे तक हंगामा किया और थोड़ी-थोड़ी देर बार बैरिकेडिंग हटाकर चंडीगढ़ राजभवन तक बढऩे का प्रयास किया।
पुलिस ने लिया ज्ञापन -
इस बीच भारी पुलिस बल के साथ राज्यपाल के एडीसी पंचकूला-चंडीगढ़ की सीमा में पहुंचे और गुरनाम सिंह चढूनी से ज्ञापन लिया। किसानों ने नलकूप कनेक्शन न दिए जाने, बिजली के बिलों में कटौती नहीं करने पर निगमों के विरुद्ध धरना दिया। पुलिस प्रशासन के समझाने पर देर शाम किसान पंचकूला से वापस हुए।