हरियाणा में रात भर हाईवे पर डटे किसान, अमृतसर-दिल्ली मार्ग पर लगा जाम, लाखों लोग फंसे
नईदिल्ली/वेबडेस्क।हरियाणा सरकार तथा आंदोलनकारी किसानों के बीच मंगलवार को भी बातचीत के माध्यम से समाधान नहीं हुआ। करीब तीस घंटे से अमृतसर-दिल्ली मार्ग बंद होने के कारण हजारों यात्री परेशान हो रहे हैं। मंगलवार को कुरूक्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों तथा किसानों के बीच दो बार बातचीत हुई लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया। जिसके चलते कुरूक्षेत्र में जाम के साथ-साथ तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस बीच अंबाला व आसपास के जिलों से पुलिस बल को कुरूक्षेत्र में तैनात कर दिया गया है।
सूरजमुखी की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा गिरफ्तार किए गए किसानों की रिहाई की मांग को लेकर किसान आंदोलन पर हैं। किसानों ने सोमवार दोपहर दो बजे से कुरूक्षेत्र में जाम लगाकर अमृतसर-दिल्ली मार्ग को रोका हुआ है। इस बीच मंगलवार को जिला उपायुक्त शांतनु शर्मा, पुलिस अधीक्षक तथा अन्य अधिकारियों के साथ किसान नेताओं की दो बार बैठक हुई। शाम को हुई बैठक में अधिकारी समय पर नहीं पहुंचने से गुस्साए किसानों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। कुछ समय बाद दोबारा बैठक शुरू हुई। जिसमें कोई सहमति नहीं बनी। किसान नेता राकेश टिकैत बैठक से यह कहते हुए बाहर निकले कि अब अब बड़ा प्रदर्शन करना पड़ेगा, तभी सरकार मानेगी।
बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अब सभी संगठन एमएसपी की लड़ाई को कुरूक्षेत्र से ही लड़ेंगे। केंद्र सरकार ने सूरजमुखी का जो एमएसपी घोषित किया है उसे हरियाणा सरकार ने नहीं दे रही है। इस बीच हरियाणा सरकार ने कहा है कि हरियाणा में 38,414 एकड़ में सूरजमुखी की फसल है। 8,528 किसानों को भावांतर योजना में प्रति क्विंटल 1000 रुपए अंतरिम राहत राशि दी जाती है। अब तक 29.13 करोड़ की राशि दे चुके हैं। हरियाणा में मार्केट रेट 4,900 और 1000 रुपए सरकार की तरफ से, यानी सूरजमुखी का प्रति क्विंटल रेट 5,900 रुपए मिलता है। उसके उलट कर्नाटक में 4,077, पंजाब में 4 हजार, तमिलनाडु में 3,550, महाराष्ट्र में और गुजरात में 3,975 प्रति क्विंटल रेट है। सरकार ने इसे सूरजमुखी की बिक्री की सच्चाई करार दिया है।