Farmers Protest: पंजाब सरकार के खिलाफ किसानों ने खोला मोर्चा, कपूरथला में किया चक्काजाम

Farmers Protest

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Farmers Protest in Punjab : पंजाब। किसानों ने पंजाब सरकार के खिलाफ शनिवार को मोर्चा खोल दिया है। किसानों ने शनिवार सुबह से कपूरथला में फगवाड़ा मुख्य चौक के पास सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। किसान धान की समय पर खरीद सहित अलग-अलग मांगों को लेकर सडकों पर उतरे हैं। एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन की घोषणा की भारतीय किसान यूनियन पंजाब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फुल ने बेटे दिन शुक्रवार को कर दी थी।

धान की धीमी गति से हो रही है खरीदी

सुरजीत सिंह फुल ने बताया कि मुख्य रूप से धान खरीद में देरी के खिलाफ यह प्रदर्शन किया जा रहा है। इस बार धान खरीदी 1 अक्टूबर से शुरू की गई थी, जिसमें शुरूआती 15 दिनों में पंजाब के अनाज बाजारों में 11.10 लाख टन पहुंचा है, लेकिन खरीद एजेंसियों ने केवल 10% धान ही उठाया है। इस पर उन्होंने कहा ये धान की बंपर फसल की धीमी खरीद को दर्शाता है।

गौरतलब है कि, 25 अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर के साथ किसानों ने पंजाब के अलग-अलग जगहों पर सड़कें जाम की थी। प्रदर्शन की वजह से कई जगहों पर ट्रैफिक जाम हो गया था, जिससे कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं लुधियाना में किसानों ने समराला, खन्ना, दोराहा, माछीवाड़ा, जगराओं, मुल्लांपुर और रायकोट जैसे स्थानों पर धरना दिया।

बीजेपी और AAP पर बलबीर सिंह राजेवाल का आरोप

SKM नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और बीजेपी नीत केंद्र सरकार दोनों इस गड़बड़ी के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं।" उन्होंने यह भी जोर दिया कि किसानों और राज्य की अर्थव्यवस्था की कीमत पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं खेला जाना चाहिए, बल्कि समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए।

पराली जलाने के मुद्दे पर राकेश टिकैत का बयान

दिल्ली में धान खरीद में देरी को लेकर एक बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, खाद्य राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने की। इस बैठक में पराली जलाने के मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि किसानों को स्पष्टता से बताया जाना चाहिए कि उन्हें पराली के बारे में क्या करना चाहिए।

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि हरियाणा में अगर कोई किसान पराली जलाता है, तो उसकी उपज दो साल तक बाजारों में नहीं बिकेगी। उन्होंने सवाल उठाया, मुझे ऐसी तकनीक के बारे में बताएं जिससे बिना पराली जलाए गेहूं उगाया जा सके। बता दें कि 21 अक्टूबर को पंजाब के किसानों ने सरकार से पराली जलाने का स्थायी समाधान निकालने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि पराली जलाना उनकी मजबूरी है, और इसके बिना उनके लिए खेती करना कठिन हो रहा है।

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