वित्तमंत्री ने संसद में पेश किया बजट, कहा - ये आत्मनिर्भर भारत की सोच वाला
नईदिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश किया। संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह इस दशक का पहला बजट है। इस बजट पर कोरोना का साया पहले से ही मंडरा रहा है। कोरोना के कारण देश की अर्थव्यवस्था संकुचित हुई। इसके बावजूद कोरोना संकट में देश एक साथ खड़ा हुआ। इसी दौरान आत्मनिर्भर भारत की एक दूरगामी सोच सामने आई।
हम जानते हैं कि प्राचीन भारत एक आत्मनिर्भर देश था। इसलिए आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए जो भी आयाम हैं, इस बजट में उन सबको प्राथमिकता दी जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में लोगों का स्वास्थय सबसे बड़ी प्राथमिकता बनकर सामने आया। हमने इस महामारी के खिलाफ बहुत बेहतर तरीके से जंग लड़ी है। हमने इसी लिए बजट में स्वास्थय को एक प्रमुख स्थान दिया है। पीएम आत्मनिर्भर स्वास्थ्य स्कीम की घोषणा की जा रही है। 64 हजार करोड़ की इस योजना को लोगों के स्वास्थय के लिए खर्च किया जाएगा।
स्वास्थय के लिए 2 लाख 23 हजार 846 करोड़ का बजट -
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमरण ने हेल्थ बजट में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की है। प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की घोषणा करते हुए वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य पर सरकार 2, 23,846 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके अतिरिक्त सरकार ने कोरेाना वैक्सीन के लिए भी 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। देश में इस समय दो कोरोना वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत न सिर्फ अपने नागरिकों को लिए बल्कि वैश्विक जिम्मेदारी के तहत कई अन्य देशों को भी कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है।
पिछले वर्ष के मुकाबले हेल्थ बजट में इस वर्ष लगभग 137 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। विता मंत्री ने सबसे लिए स्वास्थ्य की योजनाओं के साथ साथ न्यूट्रिशन प्रोग्राम की भी घोषणा की है।
विधानसभा वाले राज्यों में सड़क परियोजना -
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी वर्ष विधानसभा के चुनाव वाले राज्यों के लिए विशेष सड़क परियोजनाओं की घोषणा की है। अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री ने बताया कि तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और असम के लिए विशेष हाईवे परियोजनाएं लाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक 3500 किलोमीटर का अतिरिक्त हाईवे का निर्माण तमिलनाडु में किया जाएगा, इस पर लगभग एक लाख तीन हजार करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।
वित्तमंत्री ने कहा कि केरल में अतिरिक्त 1100 किलोमीटर हाईवे के निर्माण पर 65 हजार करोड़, पश्चिम बंगाल में 675 किलोमीटर अतिरिक्त हाईवे के निर्माण पर 25 हजार करोड़ और असम में 1300 किलोमीटर के अतिरिक्त हाईवे के निर्माण पर 34 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त सड़क व परिवहन मंत्रालय के लिए भी एक लाख 18 हजार करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।