आत्मनिर्भर भारत अभियान : किसान, मजदूर, गरीब, छात्र...किसके लिए क्या
नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत आर्थिक पैकेज की पांचवीं और अंतिम किश्त पेश की। उन्होंने कहा कि इस इकनॉमिक पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ पर जोर दिया गया है। उन्होंने आज सात कदमों की घोषणा की। इसमें मनरेगा, हेल्थ एंड एजुकेशन, बिजनेस, डी-क्रिमिनलाइजेशन ऑफ कम्पनीज ऐक्ट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज, राज्य सरकारें और उन्हें दिए गए रिसोर्सेज शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने कोविड-19 की महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन से जूझती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत आर्थिक पैकेज का ऐलान किया जा रहा है। पहले दिन वित्तमंत्री ने एमएसएमई सेक्टर और मध्यम वर्ग के लिए राहत पैकेज की घोषणा की थी, जबकि दूसरे दिन प्रवासी कामगारों, गरीब और छोटे किसानों के लिए ऐलान किया।
-मनरेगा का बजट अलॉकेशन 61,500 करोड़ रुपये था। अब घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों को उनके ही राज्य में काम मिल सके, इसके लिए 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
-हेल्थ सेक्टर में सरकारी खर्च को बढ़ाया जाएगा। हर डिस्ट्रिक्ट में इन्फेक्शियस डिजीज ब्लॉक होगा। ब्लॉक लेवल पर पब्लिक हेल्थ लैब्स सेटअप की जाएंगी।
-'पीएम ई-विद्या प्रोग्राम' की जल्द शुरुआत होगी। एजुकेशन के लिए 'दीक्षा' नाम का नया प्लैटफॉर्म। हर क्लास के लिए टीवी चैनल शुरू होगा। रेडियो, कम्युनिटी रेडियो और पॉडकास्ट्स का यूज बढ़ेगा। दिव्यांग बच्चों के लिए नया कंटेंट डेवलप होगा। टॉप 100 यूनिवर्सिटीज को ऑटोमेटिकली ऑनलाइन कोर्सेज शुरू करने की परमिशन मिलेगी।
-MSMEs को फायदा पहुंचाने के लिए दीवालियेपन की प्रक्रिया शुरू करने की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दी गई है। IBC के सेक्शन 240A के तहत स्पेशल फ्रेमवर्क बनाया जाएगा। एक साल तक दीवालियेपन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकेगी। कोविड-19 से हुए कर्ज 'डिफॉल्ट' कैटेगरी में नहीं डाले जाएंगे।
-छोटी-मोटी तकनीकी चूकों को डी-क्रिमिनलाइज किया जाएगा। कंपनीज एक्ट में बदलाव किए जा रहे हैं। कम्पाउंडेबल सेक्शंस में बड़े पैमाने पर चेंज किया गया है। 7 ऑफेंसेज पूरी तरह खत्म कर दिए गए हैं।
-भारतीय कंपनियों को ये अधिकार दिया जाएगा कि वे जायज विदेशी अधिकार क्षेत्र में नॉन-पब्लिक कंपनीज को डायरेक्टली लिस्ट करवा सकती हैं।
-पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज में बड़ा बदलाव। सारे सेक्टर्स प्राइवेट सेक्टर के लिए खोले जाएंगे। एक नई पॉलिसी बनेगी। उसमें स्ट्रैटेजिक सेक्टर्स और अन्य की लिस्टिंग होगी। इसकी नोटिफिकेशन बाद में आएगी।
-अप्रैल तक टैक्स रेवेन्यू के रूप में राज्यों को 46,038 करोड़ रुपये दिए गए हैं। वित्त मंत्री ने राज्यों का ओवरड्राफ्ट पीरियड बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक का शुक्रिया अदा किया। राज्यों के उधार लेने की लिमिट बढ़ी। 2020-21 में राज्य अपनी जीडीपी के 3 पर्सेंट की बजाय 5 पर्सेंट तक की रकम ले सकेंगे। राज्यों ने अबतक उन्हें अधिकृत लिमिट की सिर्फ 14 प्रतिशत रकम ली है।
-कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने क्या किया, इसकी जानकारी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई। वित्त मंत्री ने बताया कि 15,000 करोड़ रुपये में से 4,113 करोड़ रुपये राज्यों को दिए गए। 3,750 करोड़ से जरूरी उपकरण खरीदे गए। हर हेल्थ प्रोफेशनल के लिए 50 लाख रुपये के इंश्योरेंस का प्रावधान किया गया। एपिडेमिक ऐक्ट में बदलाव कर हेल्थ वर्कर्स तक मदद पहुंचाई गई। आज देश में 300 से ज्यादा मैनुफैक्चरर्स PPE किट्स बना रहे हैं। हमने 51 लाख PPEs, 87 लाख N95 मास्क सप्लाई किए हैं।