Bilaspur Fire: पटाखा गोदाम में आग, फायर-ब्रिगेड की 8 गाड़ियां मौजूद, अभी भी फट रहे पटाखे

पटाखा गोदाम में आग, फायर-ब्रिगेड की 8 गाड़ियां मौजूद, अभी भी फट रहे पटाखे
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Bilaspur Firecracker Warehouse Fire : छत्तीसगढ़। बिलासपुर के पटाखा गोदाम में मंगलवार को अचानक भीषण आग लग गई है। कुछ ही देर में गोदाम में रखे पटाखे फूटने लगे। भीषण आग से आस-पास अफरा-तफरी मच गई है। आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम और तोरवा पुलिस मौके पर पहुंची और आग बुझाना शुरू किया। 8 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद 2 घंटे बाद आग पर काबू पाया। आग कैसे लगी इसकी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि अवैध रूप से पटाखों को डंप कर रखा गया था। मामला तोरवा थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक मंगलवार सुबह एक पटाखा दुकान से धुआं उठने के बाद आग की लपटें निकलने लगीं और पटाखों में विस्फोट होने लगा। पटाखों की आवाज सुनकर मोहल्ले के लोग दहशत में आ गए और अपने घरों से बाहर निकल आए। स्थानीय लोगों ने बताया कि दो गाड़ियों में पटाखे लाए गए थे सभी जलाकर राख हो गए है।

सुरक्षा मानकों की अनदेखी

पटाखों के भंडारण के लिए कड़े सुरक्षा मानक हैं। रिहायशी क्षेत्रों में पटाखों का भंडारण किसी भी हाल में नहीं किया जा सकता, लेकिन शहर के कई हिस्सों में पूरे साल पटाखे बिकते हैं। इन गोदामों के घरों के बीच स्थित होने से हादसों की आशंका बनी रहती है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से शिकायत की है कि पटाखा गोदाम के खिलाफ कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उनका कहना है कि यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

जांच के नाम पर खानापूर्ति

बिलासपुर के विभिन्न क्षेत्र जैसे खपरगंज, मध्यनगरी चौक और जूना बिलासपुर, कई पटाखा दुकानें और गोदाम स्थित हैं। दशहरा और दिवाली के नजदीक आते ही इनका भंडारण बढ़ जाता है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी केवल खानापूर्ति करते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बताया जा रहा है कि जगमल चौक के पास स्थित पटाखा दुकान और गोदाम लंबे समय से संचालित हो रहे हैं। संचालकों का दावा है कि उनके पास लाइसेंस हैलेकिन यह हैरानी की बात है कि जिला प्रशासन ने नियमों की अनदेखी कर उन्हें लाइसेंस दिया।

उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी

बताया जा रहा है कि गोदाम में पटाखों को रखने की उचित व्यवस्था नहीं थी और अग्निशामक यंत्र भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं थे। मानकों के अनुसार, पटाखों का भंडारण बस्ती और मुख्य सड़क से दूर होना चाहिए, और आसपास कोई रिहायशी मकान नहीं होना चाहिए। तोरवा टीआई राहुल तिवारी ने कहा कि आग पर काबू पा लिया गया है। दुकान और गोदाम के लाइसेंस की जांच की जाएगी, और जांच के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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