गुजरात में जबरन धर्म परिवर्तन कराना बना अपराध, लव-जिहाद एक्ट लागू

गुजरात में जबरन धर्म परिवर्तन कराना बना अपराध, लव-जिहाद एक्ट लागू
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अहमदाबाद। मप्र, उप्र के बाद अब गुजरात में भी शादी के लिए जबरन धर्म परिवर्तन कराना एक बड़ा अपराध होगा। गुजरात में आज से लव जिहाद एक्ट लागू हो गया है। इसे राज्यपाल की मंजूरी के बाद राज्य सरकार ने इसके क्रियान्वयन की अधिसूचना जारी कर दी है। इसका उल्लंघन करने पर सात साल तक की सजा और तीन लाख रुपये तक का प्रावधान है।

दरअसल, गुजरात सरकार ने धर्मांतरण रोकने के लिए बजट सत्र के दौरान विधानसभा में धर्म स्वातंत्र्य (धार्मिक स्वतंत्रता) विधेयक संशोधन-2021 पारित किया था। यह संशोधन गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट-2003 में किया गया है। इस विधेयक को राज्य के गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने गुजरात विधानसभा में पेश किया था। राज्यपाल आचार्य देववर्त की मंजूरी के बाद सरकार ने आज धर्म की स्वतंत्रता सुधार अधिनियम-2021के क्रियान्वयन की अधिसूचना जारी कर दी है।

धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम 2003 में संशोधन

गुजरात विधानसभा ने प्रलोभन, जबरदस्ती, गलत बयानी या किसी अन्य धोखाधड़ी के माध्यम से धर्मांतरण के मामलों में दंड और दंड का प्रावधान करने के लिए धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम 2003 में संशोधन किया। इस प्रकार यह पूरा सुधार लव जिहाद की गतिविधि को रोकने के लिए है। इस काूनन के तहत गुजरात में पांच साल तक की सजा और दो लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जबकि नाबालिग के साथ अपराध करने पर सात साल तक और तीन लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। इसके साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के लिए सात साल की सजा का प्रावधान है।

गैर-जमानती अपराध

लव जिहाद के मामले में कुछ लोगों को अपराध करने में मदद करने वालों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी| कुछ मामलों में यह एक गैर-जमानती अपराध भी बन जाएगा। एक विशेष प्रावधान यह भी किया गया है कि पुलिस उपाधीक्षक के पद से नीचे का अधिकारी इसकी जांच नहीं कर सकता है। नई धारा 4 में किसी व्यक्ति की शादी कराकर उसका धर्म परिवर्तन करने या उसकी शादी कराने में मदद करने के एकमात्र उद्देश्य के संबंध में सजा का प्रावधान है। यदि अपराध विवाह की संस्था और संगठन के लिए किया गया अपराध साबित होता है तो गैर-कानूनी धर्मांतरण एक गैर-जमानती अपराध होगा। इस कानून के तहत पीड़ित का रक्त संबंधी भी पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने के लिए अधिकृत किया गया है।

क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट -

इस संबंध में राज्य के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने कहा कि लव जिहाद के अलावा क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन) बिल को भी मंजूरी मिल गई है। उल्लेखनीय है कि शादी के नाम पर धोखधड़ी कर लोगों के धर्मांतरण करने से रोकने के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकारें भी इस तरह का लव जिहाद विरोधी कानून बना चुकी हैं।

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