पूर्व मंत्री कांग्रेस नेता आरिफ अकील का निधन, 72 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
पूर्व मंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता आरिफ अकील का निधन हो गया है। 72 साल की उम्र में उन्होंने भोपाल के एक निजी अस्पताल में जीवन की आखिरी सांस ली। उनके बेटे विधायक आतिफ अकील ने निधन की पुष्टि की।
रविवार रात सीने में दर्द उठने के कारण उन्हें भोपाल के अपोलो सेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें सोमवार सुबह मृत घोषित कर दिया।
शोक में डूबा प्रदेश कांग्रेस
आरिफ अकील के मौत की खबर के बाद प्रदेश भर में शोक की लहर दौड़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और लिखा - "हमें बेहद दुख है, मेरे मित्र व भाई आरिफ़ अकील का आज निधन हो गया। युवक कांग्रेस से ले कर आज तक हमारा लगभग ४० वर्षों का भाई समान पारिवारिक संबंध रहा। अल्लाह ताला से हम दुआ करते हैं उन्हें जन्नत अता फ़रमाएँ।" वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ट्वीट कर लिखा
"कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री श्री आरिफ अकील जी का निधन अत्यंत दुःखद है। आदरणीय अकील साहब का सम्पूर्ण जीवन समाज सेवा हेतु समर्पित रहा और वे सदैव लोकप्रिय नेता रहे। आपका निधन अपूर्णीय क्षति है।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं परिजनों को यह वज्रपात सहने हेतु संबल प्रदान करें। विनम्र श्रद्धांजलि 🙏"
अकील का प्रारंभिक जीवन
शेर भोपाल कहे जाने वाले आरिफ अकील का जन्म 14 जनवरी 1952 को हुआ था। उनका विवाह सायरा अकील के साथ हुआ। उनके एक बेटी और तीन बेटे हैं। अखिल ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट होने के साथ-साथ एक वकील भी है उन्होंने LLB भी की हुई है।
आरिफ अकील का राजनीतिक जीवन
बात करें इनके राजनीतिक जीवन की तो ये साल 1972 में ही छात्र राजनीति से जुड़ गए थे। 1977 में सैफिया कॉलेज छात्र समिति के अध्यक्ष चुने गए और उसी साल उन्हें NSUI का प्रदेश उपाध्यक्ष भी बनाया गया। 1990 के चुनाव में आरिफ अकील ने निर्दलीय चुनाव लड़कर दिग्गज रसूल सिद्दीकी को भोपाल की उत्तर विधासभा सीट हरा दिया। साल 1998 से लेकर 2018 तक लगातार चुनाव जीते। 2 बार उन्हें मंत्री बनाया गया। 2023 में इसी भोपाल उत्तर विधासभा सीट से उनके बेटे आतिफ अकील ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।