अटल-आडवाणी से सिंधिया-पायलट तक राजनीति में दोस्तों की ये 7 जोड़ियां हमेशा रही चर्चित

अटल-आडवाणी से सिंधिया-पायलट तक राजनीति में दोस्तों की ये 7 जोड़ियां हमेशा रही चर्चित
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वेब डेस्क। राजनीति में कहा जाता है की यहाँ कोई किसी का स्थाई दोस्त और स्थाई दुश्मन नहीं होता। वक्त के हिसाब से दल से लेकर दोस्त तक सब बदल सकता है। इसके बावजूद भारतीय राजनीति में कई दोस्तों की ऐसी जोड़ियां हुई है। जो सदा के लिए मिशाल बन गई है। जिसमें अटल-आडवाणी, अमर-मुलायम, संजय -कमलनाथ, जयललिता-शशिकला आदि कई जोड़ियां है, जो अंतिम सांस तक बनी रही।

आइए हम आपको राजनीति की ऐसी ही 7 जोड़ियों के बारे में बताते है, जिनमें से कई अलग -अलग दल में होने के बावजूद अच्छे दोस्त है।

अटल बिहारी वाजपेयी-लाल कृष्ण आडवाणी -


पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व केंद्रीय मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी की जोड़ी अनूठी दोस्ती की मिशाल है। जनसंघ के समय में मित्र बने इन दोनों नेताओं ने भाजपा को उसके गठन से लेकर ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम साथ मिलकर किया। दोनों की कड़ी मेहनत और दूरदर्शिता के कारण की भाजपा देश में कांग्रेस के सामने मजबूत विकल्प बनकर उभरी है।

संजय गांधी-कमल नाथ -


संजय गांधी और कमल नाथ की जोड़ी भी दोस्तों की सबसे चर्चित जोड़ियों में से एक है।कमलनाथ और संजय गांधी दून स्कूल में दोस्त बने थे और अंय गांधी की मौत तक सच्चे मित्र रहे। इनकी दोस्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की इंदिरा गांधी कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा कहती थी। उस समय के चुनावों में एक नारा भी बेहद प्रसिद्ध था। जिसमें कहा जाता था की इंदिरा के दो हाथ, संजय और कमलनाथ।

मुलायम सिंह और अमर सिंह -


मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह की दोस्ती भी ऐसी राजनीतिक दोस्तों की मिशाल है। इन दोनों नेताओं की दोस्ती नब्बे के दशक में हुई। 2020 में अमर सिंह के निधन से पहले तक दोनों नेता अच्छे दोस्त रहे। जानकार कहते थे की मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री काल में लगभग हर निर्णय में अमर सिंह की मुहर होती थी। यहाँ तक की कई निजी निर्णय भी मुलायम सिंह ने अमर सिंह की सलाह से लिए।

जयललिता और शशिकला -


तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रही जयललिता और अन्नाद्रमुक नेता शशिकला की जोड़ी भी राजनीतिक दोस्तों की सबसे मशहूर जोड़ी रही है। दोनों नेत्रियों की साल 1988 में दोस्ती हुई थी।इसके बाद से जयललिता के अंतिम समय तक दोनों की दोस्ती कायम रही। जानकारों के अनुसार जयललिता के तमाम फैसलों में शशिकला की भूमिका रहती थी।

नरेंद्र मोदी और अमित शाह -


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की दोस्ती की जीवंत मिसाल है। दोनों की पहली मुलाक़ात 1982 में संघ के एक कार्यक्रम में हुई थी। जहां से लेकर आज तक ये दोनों साथ- साथ है।

नुसरत जहां और मिमी चक्रवर्ती -


तृणमूल सांसद और अभिनेत्री नुसरत जहां और मिमी चक्रवर्ती भी बेहद अच्छी दोस्त है। दोनों ही नेत्रियां बंगाली फिल्मों की मशहूर अभिनेत्रियां है। फ़िल्मी दुनिया में मित्र बनी इन दोनों नेत्रियों की दोस्ती राजनीतिक जीवन में भी कायम है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट -


राजनीति में सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया की दोस्ती भी बेहद चर्चित है। इन दोनों नेताओं के पिता माधवराव और राजेश पायलट भी सच्चे दोस्त थे। वर्तमान में सिंधिया और पायलट अलग-अलग दलों में है लेकिन इनकी दोस्ती अब भी पहले जैसी कायम है। सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद राजनीतिक जानकार कयास लगाने लगे थे की पायलट भी सिंधिया की राह पर चलेंगे।

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