PoK : गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग बोले - क्या हम इंसान नहीं
दिल्ली। पूरी दुनिया में जारी कोरोना कहर के बीच पाकिस्तान अपनी नापाक आदतों से बाज नहीं आ रहा है। कोरोना संकट के बीच भी पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों के ऊपर पाकिस्तान का सितम जारी है। गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में पाकिस्तान के प्रशासन द्वारा वहां के स्थानीय व्यापारी और आम लोगों पर अत्याचारों जारी है और उन्हें बाजार खोलने नहीं दिया जा रहा है, जबकि अन्य बाजारों को खोलने की इजाजत मिल चुकी है।
कोरोना वायरस कहर के बीच पाकिस्तान में बाजारों को खोल दिया गया है, मगर गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के बाजारों को नहीं खोला गया है। लॉकडाउन से अन्य सभी बाजारों को रियायत मिल गई है और बाजारें खुल रही हैं, मगर पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके के बाजारों को नहीं खोला गया है। यही वजह है कि यहां के स्थानीय लोग अब पाकिस्तान सरकार के जुल्म के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में एनएलआई बाजार के व्यापारियों का कहना है कि उनके साथ स्थानीय प्रशासन द्वारा भेदभाव किया जा रहा है। एक व्यापारी ने कहा, 'अन्य सभी बाजार खुले हुए हैं मगर हमें बंद करने को कहा गया है। क्या हम इंसान नहीं हैं? क्या हमारे बच्चे नहीं हैं?'
दरअसल, यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान द्वारा पीओके के इन इलाकों में इस्लामाबाद के हुक्मरानों द्वारा अत्याचार और भेदभाव की खबरें आई हैं, बल्कि पाकिस्तान पहले भी पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान के लोगों के साथ भेदभाव करता रहा है। वहां के लोग कई बार पाकिस्तान सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर चुके हैं, मगर बल के दम पर पाकिस्तान उनकी आवाजों को कुचलता रहा है।
भारत शुरू से यह दोहराता रहा है कि पाकिस्तान को पीओके और गिलगिट बाल्टिस्तान इलाकों को खाली कर देना चाहिए जिन पर उसने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। बता दें कि 22 अक्टूबर 1947 को ही पाकिस्तानी सेना ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर रियासत के इस हिस्से में घुसपैठ कर कब्जा कर लिया था। गिलगित बल्टिस्तान के लोग पाकिस्तान से अपनी आजादी की मांग करते हैं और इसके विरोध में ही 22 अक्टूबर को 'काला दिवस' के रूप में मनाते हैं।
Pakistan Occupied Kashmir (POK): Traders of the NLI market in Gilgit-Baltistan region say they are being discriminated against by local administration. A trader says, "All other markets are open but we have been forced to stay closed. Are we not humans? Don't we have children?". pic.twitter.com/053vXyBlS7
— ANI (@ANI) May 13, 2020