चमोली में ग्लेशियर टूटा, नदियों में उफान, 150 लोग लापता
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में आज सुबह नाडा हादसा हो गया। चमोली जिले में एक ग्लेशियर टूटकर ऋषिगंगा नदी में गिर गया। जिससे ऋषि गंगा का बहाव तेज हो गया एवं बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। वहीँ धौलीगंगा पर बन रहा बांध बह गया।
गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने की वजह से चमोली से हरिद्वार तक अलर्ट जारी किया गया है। देहरादून, पौड़ी और टिहरी जिला प्रशासन ने लक्ष्मण झूला से बैराज तक गंगा किनारे के दोनों छोर के घाटों को खाली करा लिया है। जिलाधिकारी देहरादून आशीष कुमार ने ऋषिकेश पहुंचकर आपदा टीम की कमान संभाल ली है।
एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीम पूरी तरह अलर्ट हो गई है । इन टीमों ने ऋषिकेश में मायाकुंड, चंद्रभागा, त्रिवेणी घाट सहित बैराज के पक्के घाटों को को पूरी तरह से मानव विहीन कर दिया है। ऋषिकेश में जल पुलिस व एसडीआरएफ की टीम की कमान ग्रामीण पुलिस अधीक्षक स्वतंत्र कुमार सिंह के नेतृत्व में कोतवाली प्रभारी रितेश शाह ने संभाल ली है। कोतवाली प्रभारी रितेश शाह का कहना है कि गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इस वजह से घाटों को पूरी तरह खाली करवा लिया गया है।
150 लोग लापता -
आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल ने बताया कि 150 से अधिक लोग लापता हैं। उत्तराखंड में तपोवन बांध के पास एक निर्माणाधीन सुरंग थी जहां लगभग 20 मजदूर फंसे हुए हैं। घटनास्थल पर तैनात आटीबीपी की टीम बचाव अभियान चला रही है। हम लापता लोगों की जानकारी जुटाने के लिए एनटीपीसी के प्रबंधन दल के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि साइट पर लगभग 100 कार्यकर्ता थे जिनमें से 9-10 लोगों के शव नदी से बरामद किए गए हैं। अभी सर्च ऑपरेशन चल रहा है। 250 आईटीबीपी के जवान मौजूद हैं, जल्द ही भारतीय सेना की टीम भी मौके पर पहुंच रही है। आईटीबीपी के जवान तपोवन सुरंग को खोलने के लिए खुदाई कर रहे हैं जो मलबे के कारण पूरी तरह से ब्लॉक हो गया है। इस बीच प्रशासन ने भी जानकारी दी है कि चमोली त्रासदी में करीब 150 लोग लापता हैं जबकि अभी तीन शव बरामद किए गए हैं।