सूमी में खोला गया गलियारा, 700 भारतीयों छात्रों का पहला जत्था सुरक्षित निकला
कीव। रूस के आक्रमण से दहल रहे यूक्रेन के सूमी शहर में दहशत है। यहां अभी भी भारत के करीब 700 विद्यार्थी फंसे हुए हैं। इस बीच भारत की भारी जद्दोजहद के बाद ग्रीन कॉरिडोर खुल गया है। यहां फंसे भारतीय नागरिकों के पहले जत्थे को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इस जत्थे में मेडिकल स्टूडेंट्स शामिल हैं।
इस जत्थे के साथ रेडक्रास और भारतीय दूतावास के अधिकारी हैं। सूमी शहर रूस की सीमा से 60 किलोमीटर दूर है। यहां रूस और यूक्रेन की सेना के बीच भीषण संघर्ष हो रहा है। रूस ने यहां बमबारी तेज कर दी है। रूस ने यहां 500 किलोग्राम वजन का बम गिराया है। इन हमलों में दो बच्चों समेत 18 लोगों की मौत हो गई है। पूर्वी यूक्रेन के शहर सूमी में फंसे भारतीय नागरिकों के सुरक्षित गलियारा न मिलने का मुद्दा भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाया था।
भारत ने कहा था कि रूस और यूक्रेन दोनों से बार-बार आग्रह करने के बावजूद सूमी में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए सुरक्षित कॉरिडोर नहीं बन पाया है और वह इसे लेकर 'बेहद चिंतित' है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थानीय प्रतिनिधि एवं राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने सुरक्षा परिषद में कहा था कि भारत हर प्रकार की शत्रुता को समाप्त करने का लगातार आह्वान करता रहा है। भारत ने सभी निर्दोष नागरिकों और भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने के लिए सुरक्षित तथा निर्बाध मार्ग की मांग की है। तिरुमूर्ति ने कहा था कि भारत अभी तक युद्धग्रस्त यूक्रेन से अपने 20,000 से अधिक नागरिकों की सुरक्षित वापसी कराने में कामयाब रहा है।