TRP गेमिंग जोन घटना पर गुजरात हाई कोर्ट ने राजकोट नगर निगम से कहा - ढ़ाई साल से सो रहे थे क्या?

TRP गेमिंग जोन घटना पर गुजरात हाई कोर्ट ने राजकोट नगर निगम से कहा - ढ़ाई साल से सो रहे थे क्या?
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TRP Gaming Zone Accident

TRP Gaming Zone Accident : मामले की जांच के लिए गुजरात सरकार ने एक एसआईटी का गठन किया है।

TRP Gaming Zone Accident : गुजरात। राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन में हुई आगजनी की घटना पर गुजरात हाई कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राजकोट नगर निगम को फटकार लगाई। हाई कोर्ट के स्पेशल बेंच ने कहा कि, 'ढ़ाई साल से ये सब कुछ चल रहा है, आप (नगर निगम) सो रहे थे क्या?' इसके अलावा कोर्ट ने अधिकारियों द्वारा गेमिंग जोन में गेम खेले जाने पर भी टिप्पणी की।

टीआरपी गेमिंग जोन घटना में अब तक 28 लोगों की जान गई है। इस मामले की जांच के लिए गुजरात सरकार ने एक एसआईटी का गठन किया है वहीं दूसरी ओर गुजरात हाई कोर्ट की स्पेशल बेंच ने भी इस मामले में स्व - संज्ञान लिया है। हाई कोर्ट की स्पेशल बेंच ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए राजकोट नगर निगम से कई सवाल किये।

राजकोट नगर निगम से गेमिंग जोन के वैध - अवैध निर्माण पर जानकारी ली गई तो नगर निगम ने बताया कि, उनसे गेमिंग जोन बनाने के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई। नगर निगम के इस जवाब पर सुनवाई कर रहे बेंच के जस्टिस बिरेन वैष्णव और देवन देसाई ने कहा कि, क्या आप अंधे हो गए थे। ढ़ाई साल से ये सबकुछ चल रहा था क्या आपने अपनी आंखें मूँद ली थी। जांच से यह तथ्य भी सामने आया है कि, अहमदाबाद में चल रहे बाकी दो गेमिंग जोन भी अवैध थे।

जब राजकोट नगर निगम ने अदालत को सूचित किया कि, गेमिंग जोन ने अनुमति नहीं मांगी है, तो सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि, "हमारे आदेश के चार साल बाद भी अगर अग्नि सुरक्षा के मामले में कोई कदम नहीं उठाया गया, तो आरएमसी कैसे ज़िम्मेदार नहीं है?" बता दें कि, इस मामले में गुजरात सरकार ने ७ अधिकारियों को सस्पेंड किया है।

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