ज्ञानवापी परिसर मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, कार्बन डेटिंग के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने की अपील
वाराणसी/नईदिल्ली। ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसी आकृति के वैज्ञानिक परीक्षण के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मस्जिद कमेटी की ओर से वकील हुजैफा अहमदी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि 22 मई से परीक्षण शुरू हो जाएगा। तब कोर्ट ने इस मामले की कल यानी 19 मई को सुनवाई करने का आदेश दिया।
दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसी आकृति के कार्बन डेटिंग किए जाने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट जज को मामले की सुनवाई करने का आदेश देते हुए कहा था कि वैज्ञानिक सर्वे कब और कैसे होगा, यह डिस्ट्रिक्ट जज तय करेंगे।हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर आदेश जारी किया, जिसमें एएसआई ने कहा है कि बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए वैज्ञानिक सर्वे किया जा सकता है। 16 मई 2022 को कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान मस्जिद के वजूखाने से शिवलिंग जैसी आकृति वाला पत्थर मिला था।
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद हिन्दू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में केवियट याचिका दायर की है। हिन्दू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में केवियट दाखिल कर अपील की है कि अगर दूसरा पक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देता है तो बिना उनका पक्ष सुने कोई आदेश पारित न किया जाए।