चुनाव से पहले कांग्रेस की बढ़ी टेंशन, पूर्व CM के इन... ट्वीट्स के क्या है मायने ?
देहरादून। राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यहां कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ने के संकेत मिल रहे है। वर्तमान समय में 2022 का चुनाव एकदम समीप है। भारतीय जनता पार्टी जहां एकजुट होकर चुनाव लड़ रही है वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दिग्गजों के बोल के कारण वे अलग-अलग दिख रहे हैं। इसका आभास कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के ट्वीट से से मिलता है। इस ट्वीट पर सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं।
#चुनाव_रूपी_समुद्र
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021
है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है,
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दरअसल, हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा, 'है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है!'
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा - "फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूंँ, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि #भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।"
इस ट्वीट का अर्थ निकाला जा रहा है कि कहीं न कहीं या केन्द्रीय नेतृत्व अथवा अपने सहयोगियों के व्यवहार से काफी खिन्न है और चुनावी समर से हटने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दिनों हरीश रावत ने प्रकारान्तर में यह कहा था कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया जाए और उनके चेहरे पर चुनाव लड़ा जाए, लेकिन केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से संयुक्त रूप से चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है। संभवत: आलाकमान का यह निर्देश हरीश रावत को व्यथित कर रहा है जिसके कारण उन्होंने अपने ट्वीट में इस तरह की चर्चा की।