जान भी जहान भी में बोले स्वास्थ्य मंत्री - 30 प्रतिशत हमारा रिकवरी रेट

जान भी जहान भी में बोले स्वास्थ्य मंत्री - 30 प्रतिशत हमारा रिकवरी रेट
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दिल्ली। मई के महीने में कोरोना के केसों में होने वाली बढ़ोतरी देश के लिए चिंता की वजह बनी हुई है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का बयान राहत देने वाला है। उन्होंने एक निजी चैनल के साथ बातचीत में कहा कुछ ही हफ्तों में कोरोना का ग्राफ न सिर्फ फ्लैट हो जाएगा बल्कि रिवर्स भी होगा। उन्होंने कहा कि टेस्ट का दायरा बढ़ने और कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग में तेजी की वजह से आजकल ज्यादा केस आ रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'आज देश में लगभग 56 हजार लोग संक्रमित हुए हैं। 1800 लोगों की मौत हुई है। 17 हजार लोग ठीक होकर घर लौट गए हैं। 30 प्रतिशत हमारा रिकवरी रेट है। आबादी है 135 करोड़ यानी दुनिया के 20 देशों के बराबर। छोटे देशों में भी हमसे बहुत ज्यादा केस और मौतें हुई हैं। भारत बाकी दुनिया के मुकाबले बहुत अच्छा कर रहा है। लोग सरकार के निर्देशों का पालन कर रहे हैं।'

AIIMS के डायरेक्टर डॉ. गुलेरिया ने कहा था कि जून-जुलाई में कोरोना के मामले पीक पर पहुंच सकते हैं। इसपर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'मेरी कोई बात नहीं हुई है। मुझे नहीं पता कि क्या सोचकर उन्होंने यह बयान दिया है लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मैं कह सकता हूं कि मैं आशावादी हूं। आने वाले सप्ताहों में धीरे-धीरे पूरी तरह से फ्लैट होगा और रिवर्स भी होगा। निश्चित तौर पर कोरोना के खिलाफ जंग में हमें निर्णायक विजय प्राप्त होगी।'

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आज एक लैब से 452 लैब बन गईं। आज 80 हजार से टेस्ट रोज कर रहे हैं। हमने 31 मई तक 1 लाख टेस्ट करने की बात कही थी। हम टेस्टिंग के मामले में दुनिया के किसी देश से पीछे नहीं हैं। आज सारे देश में हर जिले में टेस्ट हो रहे हैं। कर्नाटक में हम जिले में 250 टेस्ट करने को कहे हैं लेकिन उन्होंने 7-8 हजार तक टेस्ट किए हैं। ये टेस्ट निगेटिव आए हैं। कुछ लोगों की टेस्ट की रिपोर्ट देर में आ रही है, यह समस्या भी दूर होगी। खुशखबरी यह है कि हमारे वैज्ञानिक मई में ही ऐंटीबॉडी टेस्ट किट और आरटी-पीसीआर टेस्ट किट भारत में बनाना प्रारंभ कर देंगे। आने वाले समय में इन किट्स का ही इस्तेमाल होगा। उन्होंने यहा भी कहा कि कई जगहों पर वैक्सीन खोजने का काम चल रहा है और कई ह्यूमन ट्रायल तक भी पहुंच गए हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन में धीरे-धीरे ढील देना जरूरी है। भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां पीएम मोदी ने असाधारण साहस का परिचय देते हुए इतने लंबे लॉकडाउन को लागू किया और लोगों ने इसका पालन किया। अब लॉकडाउन में ढील देना या न देना इसका प्रभाव तब तक नहीं होगा जब तक हम ये न भूल जाएं कि इसके बाद भी सोशल डिस्टैंसिंग और मास्क पहनना बहुत जरूरी है। अगर लोग इस बात का ध्यान रखें तो कोरोना वायरस हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकता। हालांकि उन्होंने कहा कि 17 मई के बाद लॉकडाउन पर फैसला पीएम मोदी ही लेंगे और यह फैसला मुख्यमंत्रियों के फीडबैक के आधार पर लिया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'निश्चित रूप से महानगरों की चिंता है लेकिन विश्वास है कि इन शहरों में भी इस समस्या का समाधान कर लेंगे। यहां आबादी बहुत ज्यादा है। एक-एक घर में 15-15 लोग रहते हैं। इन क्लस्टर्स में लाखों लोग रहते हैं। वहां लॉकडाउन और सोशल डिस्टैंसिंग 100 प्रतिशत नहीं लागू हो सकती। यहां की सरकारें प्रयास कर रही हैं और केंद्र सरकार भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। दिल्ली के ऊपर भी बहुत ध्यान दिया जा रहा है। हमें विश्वास है कि यहां भी हम स्थिति सुधार लेंगे।'

हर्षवर्धन ने कहा, जब तक हमारे पास कोरोना के खिलाफ वैक्सीन नहीं है तब तक सोशल डिस्टैंसिंग सबसे प्रभावी है। धीरे-धीरे हमें अपने लॉकडाउन को खोलना है। इस परिस्थिति में भी इस सोशल वैक्सीन का इस्तेमाल करना हमारे स्वास्थ्य और देश के लिए जरूरी है। मैं कर्म पर विश्वास रखता हूं। कोरोना के खिलाफ युद्ध हमने सबससे पहले शुरू किया और पूरे देश ने हमारा साथ दिया। पीएम मोदी के निर्देशों का पालन किया गया। आज देश की सभी सरकारें भारत सरकार के सभी निर्देशों का पालन कर रहे हैं। हमारा जो डिजीज सर्विलेंस है वह बहुत अच्छा है। हमें सफलता मिल रही है, सारी दुनिया में सराहना हो रही है। भारत की तरफ सब लोग देख रहे हैं, WHO भी बार-बार भारत की सराहना कर रहा है। कुछ ही सप्ताह में कोरोना के खिलाफ जंग में देश को भारी सफलता मिलेगी।'

विदेश से भारत लौटे एक भारतीय वैज्ञानिक का जिक्र करते हुए स्वास्थ्य मंत्री कहा, लोग अमेरिका और इटली को देखकर कह रहे थे कि मई-जून में भारत में 300 मिलियन केस होंगे और कोरोना की सूनामी आ जाएगी। मेरा मानना है कि कोई भी बीमारी का कैलकुलेशन मैथमैटिक्स से नहीं हो पाता। भारत के मुकाबले अमेरिका की स्थिति अलग हो सकती है। भारत में विषम से विषम परिस्थिति में स्वास्थ्य के प्रति काबिलियत को सिद्ध करके दिखाया है। हमने भारत से पोलियो और चेचक जैसी बीमारी को समाप्त करके दिखाया है।'

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