Rahul Gandhi : मानहानी मामले में UP के सुल्तानपुर कोर्ट में हुई सुनवाई, राहुल गांधी ने आरोपों को बताया झूठा

Rahul Gandhi : मानहानी मामले में UP के सुल्तानपुर कोर्ट में हुई सुनवाई, राहुल गांधी ने आरोपों को बताया झूठा

Rahul Gandhi : मानहानी मामले में UP के सुल्तानपुर कोर्ट में हुई सुनवाई

Rahul Gandhi : सुल्तानपुर कोर्ट के सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी को उस तारीख पर फिर से कोर्ट में पेश होने की जरूरत नहीं है।

Rahul Gandhi : सुल्तानपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर में एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए। सुल्तानपुर कोर्ट मानहानि मामले में सुनवाई कर रहा था। राहुल गांधी ने कोर्ट के सामने पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया। इस मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को तय की गई है। कोर्ट के सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी को उस तारीख पर फिर से कोर्ट में पेश होने की जरूरत नहीं है।

कोर्ट में राहुल गांधी ने कहा कि, 'मेरे खिलाफ लगाए गए ये सभी आरोप झूठे हैं। यह केस मेरी और मेरी पार्टी की छवि ख़राब करने के लिए लगाया गया है। यह मामला राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है।'

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में प्रतिपक्ष, राहुल गांधी सुबह दिल्ली एयरपोर्ट से चलकर लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से सड़क मार्ग पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से होते हुए वे सिविल कोर्ट पहुंचे। बीते 2 जुलाई को इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई थी, जहां राहुल गांधी की ओर से उनके अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने ये कहते हुए अंतिम मौका मांगा था कि, लोकसभा में कार्रवाई के कारण राहुल गांधी आ नहीं सके हैं। एक अंतिम मौका दिया जाए, उन्होंने बजट सत्र का हवाला देते हुए 26 जुलाई की तिथि की मांग की थी।

राहुल गांधी ने 20 फरवरी 2024 को सुल्तानपुर कोर्ट पहुंचकर सरेंडर किया था। कोर्ट ने उन्हें 25-25 हजार के दो बॉन्ड पर जमानत दी थी। गौरतलब है कि 8 मई को कर्नाटक के बेंगलुरु में एक चुनावी सभा के दौरान राहुल गांधी ने अमित शाह को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी। राहुल के बयान से आहत होकर जिले के कोतवाली देहात थाना अंतर्गत हनुमानगंज निवासी भाजपा नेता विजय मिश्रा ने अगस्त 2018 में राहुल के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट में परिवाद दायर किया था।

लंबी प्रक्रिया चलने व पेशी पर नहीं पहुंचने को लेकर विशेष जज ने दिसंबर 2023 को राहुल गांधी के विरुद्ध वारंट जारी कर दिया। राहुल गांधी ने 20 फरवरी 2024 को कोर्ट में समर्पण किया जहां तत्कालीन जज योगेश यादव ने उन्हें 25-25 हजार के दो मुचलके पर जमानत देते हुए 2 मार्च को बयान मुल्ज़िम दर्ज कराने के आदेश दिए थे। बीते 26 जून को कोर्ट ने राहुल गांधी को व्यक्तिगत रूप से तलब किया था।

सुल्तानपुर के भाजपा नेता विजय मिश्रा ने आरोप लगाया था कि 8 मई 2018 को बेंगलुरु में कर्नाटक चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि, अमित शाह हत्या के आरोपी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया मामले में इसका उल्लेख किया। इसलिए मुझे नहीं लगता कि अमित शाह की कोई विश्वसनीयता है। जो पार्टी ईमानदारी और शुचिता की बात करती है, उसका अध्यक्ष हत्या का आरोपी है। बता दें कि जस्टिस लोया के बेटे ने अपने पिता की मौत को नेचुरल बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे सामान्य मौत बताते हुए मामले की SIT जांच से जुड़ी याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस बृजमोहन हरकिशन लोया की मौत दिसंबर 2014 में नागपुर में हुई थी। उस वक्‍त वह अपने एक साथी की बेटी की शादी में गए थे। जज लोया गुजरात के बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे। इसमें अमित शाह आरोपी थे।

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