भाजपा नेता बग्गा ने दी केजरीवाल को चुनौती, कहा- 1 नहीं 100 FIR कराओ, मैं डरने वाला नहीं
नईदिल्ली। पंजाब पुलिस की हिरासत से वापिस आकर भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कहा की मुझे न पटका पहनने का मौका दिया, न चप्पल पहनने का मौका दिया और मुझे पुलिस जीप के अंदर फेंक दिया। ये अवैध तरीके से ये अपहरण पंजाब पुलिस द्वारा किया गया था। लॉकल पुलिस को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई। निश्चित रूप से ये संदेश देने की कोशिश है कि जो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बोलेगा वो देश का सबसे बड़ा आतंकवादी है और उसे हम छोड़ेंगे नहीं।
उन्होंने अरविंद केजरीवाल को चुनौती देते हुए कहा की उन पर 1 नहीं बल्कि 100 FIR कर दो, तब भी वे डरने वाले नहीं हैं। वे कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।इसके बाद भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा अपने समर्थकों के साथ केजरीवाल के घर प्रदर्शन करने पहुंच गए। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है।
हाईकोर्ट में याचिका -
पंजाब सरकार ने भाजपा नेता तेजिंदर पाल बग्गा के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि केंद्र सरकार तथा दिल्ली पुलिस को भी इस मामले में पार्टी बनाया जाए तथा दिल्ली के जनकपुरी व हरियाणा के पीपली पुलिस थाने की वीडियो फुटेज को संरक्षित किया जाए। हाईकोर्ट में अब इस केस की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।
मोहाली में दर्ज केस -
मोहाली में दर्ज एक केस के मामले में पंजाब पुलिस ने तजिंदर पाल बग्गा को दिल्ली से गिरफ्तार कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने बग्गा की गिरफ्तारी को अपहरण बताया और इसकी सूचना हरियाणा पुलिस को दी। इसी सूचना के आधार पर हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को बग्गा को ले जाने से रोका। हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को कुरुक्षेत्र में ही रोक दिया। लंबी जद्दोजहद के बाद हरियाणा पुलिस ने बग्गा को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया।
इसके बाद पंजाब ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का रुख किया। पंजाब पुलिस द्वारा हाई कोर्ट में लगाई गई याचिका की सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल अनमोल रतन सिद्धू ने आरोप लगाए कि बग्गा के खिलाफ मोहाली में दर्ज केस को लेकर ही पंजाब पुलिस बग्गा को गिरफ्तार करने दिल्ली गई थी। इसे लेकर जनकपुरी पुलिस थाने को सूचित किया गया लेकिन उन्होंने सूचना रिकार्ड नहीं की।
शनिवार को भाजपा नेता तेजिंदर पाल बग्गा मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पंजाब पुलिस द्वारा दायर अर्जी पर शनिवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 10 मई तक स्थगित कर दी है।