हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद की ली शपथ, ममता-राहुल सहित यह नेता हुए शामिल

रांची । झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में सोरेन के साथ कांग्रेस नेता आलमगीर आलम व रामेश्वर उरांव और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली। रामेश्वर उरांव प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं।

समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, माकपा नेता सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी. राजा, द्रमुक प्रमुख एम.के. स्टिालिन, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव भी मंच पर मौजूद रहे। इस मौके पर हेमंत का परिवार भी समारोह में पहुंचा।

हेमंत के पिता शिबू सोरेन और मां रूपी सोरेन भी मंच पर मौजूद रहे। उनकी पत्नी समेत परिवार के बाकी सदस्य भी समारोह में उपस्थित थे। इससे पहले हेमंत ने जुलाई 2013 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। अर्जुन मुंडा सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे सोरेन इससे पहले 2013 में राज्य के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने और दिसंबर 2014 तक इस पद पर रहे। वर्ष 2014 में राज्य में भाजपा की सरकार बन गई, झारखंड को रघुबर दास के रूप में गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री मिला और हेमंत सोरेन नेता प्रतिपक्ष बने।

शपथ ग्रहण समारोह के पूर्व हेमंत अपने पिता के आवास पहुंचे और माता-पिता से आशीर्वाद लिया। इसके बाद वे अपने पिता शिबू को अपनी ही गाड़ी में समारोह स्थल तक साथ ले गए। हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में झारखंडी संस्कृति पर जोर दिया गया। मोरहाबादी मैदान में भव्य समारोह का मंच झारखंड की कोहबर कला के साथ ही झारखंडी कला-संस्कृति को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया।

मंच को पूरी तरह कोहबर कला (पेंटिंग) से सजाया गया। झारखंड की 81 विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में हेमंत सोरेन की अगुवाई में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन 47 सीट हासिल की थीं। झारखंड मुक्ति मोर्चा को 30, कांग्रेस को 16 और राजद को 1 सीट मिली है, जबकि 3 सीट हासिल करने वाली बाबूलाल मरांडी की झाविमो भी गठबंधन सरकार को समर्थन दे रही है। भाजपा को चुनाव में 25 सीटें मिली जबकि आजसू को 2 सीटें हासिल हुई हैं।

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