Hema Committee Report: हेमा समिति की रिपोर्ट पर एक्शन न लेने पर कोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार, सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट देने का आदेश

हेमा समिति की रिपोर्ट पर एक्शन न लेने पर कोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार, सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट देने का आदेश

Hema Committee Report

Hema Committee Report : हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बावजूद केरल सरकार हाथ पर हाथ डाल कर बैठी है। ऐसे में केरल हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए केरल की सत्तारूढ़ सरकार जमकर फटकारा है। केरल हाई कोर्ट ने हेमा कमेटी की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में एसआईटी को सौंपने का आदेश भी दिया है।

केरल उच्च न्यायालय ने हेमा समिति की रिपोर्ट पर निष्क्रियता के लिए राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की। न्यायालय ने सरकार से पूछा कि, 'हेमा समिति की रिपोर्ट में किए गए खुलासे के बाद राज्य ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। न्यायालय ने राज्य को सीलबंद रिपोर्ट एसआईटी को सौंपने का निर्देश दिया है।'

हेमा समिति की रिपोर्ट पर कुछ नहीं किया :

न्यायालय ने कहा, "आपने 4 साल में हेमा समिति की रिपोर्ट पर बैठे रहने के अलावा कुछ नहीं किया।" उच्च न्यायालय ने सरकार से यह भी पूछा कि समाज में महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए क्या किया जा रहा है, न कि केवल फिल्म उद्योग में। न्यायालय ने कहा कि, असंगठित क्षेत्र में यौन शोषण को समाप्त करने के लिए कानून की तलाश की जानी चाहिए।

मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए :

केरल उच्च न्यायालय ने एसआईटी को कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित न करने का निर्देश दिया। अदालत में सरकार ने कहा कि, 'मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए।' इसके जवाब में उच्च न्यायालय ने कहा कि मीडिया को नियंत्रित नहीं किया जाना चाहिए। उच्च न्यायालय ने कहा कि, 'मीडिया खुद को नियंत्रित करना जानता है।'

हेमा कमेटी की रिपोर्ट क्या है :

केरल उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में घठित इस समिति ने फिल्म सेट पर काम करने की दयनीय स्थिति का विवरण दिया है। इस रिपोर्ट में जूनियर कलाकारों के लिए शौचालय और चेंजिंग रूम की कमी, उनके लिए भोजन और पानी का अभाव, खराब वेतन और आवास या परिवहन सुविधाओं सहित यौन शोषण जैसे खुलासे किए गए हैं। अब तक यह रिपोर्ट पूरी तरह सार्वजनिक नहीं की गई है। इस रिपोर्ट के बाद कई महिलाओं ने आगे आकर बड़े डायरेक्टर और एक्टर पर गंभीर आरोप लगाए थे।

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