History of Rani Kamalapati: कौन थीं रानी कमलापति, जिनके नाम पर भोपाल रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति पड़ा है, जानें...

History of Rani Kamalapati: कौन थीं रानी कमलापति, जिनके नाम पर भोपाल रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति पड़ा है, जानें...

History of Kamalapati: देश का पहला पहला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में है। यहां एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से लैस रानी कमलापति के नाम से रेलवे स्टेशन है। जानकारी के लिए बता दें कि, इस स्टेशन का नाम अंतिम गोंड शासक रानी कमलापति के नाम पर रखा गया है क्योंकि उनकी वीरता और पराक्रम आज भी पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध है। तो आइए आपको रानी कमलापति के बारे में बताते हैं, जिनके नाम पर भोपाल के रेलवे स्टेशन का नाम रखा गया है।

कौन थीं कमलापति?

रानी कमलापति गोंड रानी थीं। 18वीं सदी में गिन्नौरगढ़ के मुखिया निजाम शाह थे। जिनकी सात पत्नियां थीं। खूबसूरत और बहादुर रानी कमलापति भी इन सात पत्नियों में से एक थीं। ऐसा कहा जाता है कि कमलापति इन तमाम पत्नियों में से निजाम शाह की ज्यादा प्रिय थीं। 18वीं शताब्दी में ही निजाम शाह के भतीजे आलम शाह का शासन बाड़ी पर था। आलम की नजर निजाम शाह की दौलत और संपत्ति पर थी। ऐसा भी कहा जाता है कि कमलापति की खूबसूरती को देखते हुए उसने रानी से प्रेम का इजहार भी किया था, लेकिन रानी ने उसे ठुकरा दिया था।

पति की हत्या के बाद भोपाल आईं रानी कमलापति

इसके बाद आलम शाह अपने चाचा निजाम शाह की हत्या के लिए लगातार षड्यंत्र रचता रहा। लेकिन असफल होता रहा लेकिन एक दिन मौका पाकर उसने राजा के खाने में जहर मिला दिया। जिसकी वजह से निजाम शाह की मौत हो गई। पति की मौत के बाद कमलापति सदमे में चली गईं लेकिन अपने बेटे की जान बचाने के लिए गिन्नौरगढ़ से भोपाल चली आईं। कमलापति के बेटे का नाम नवल शाह था। रानी कमलापति अपने पति की मौत का बदला लेना चाहती थीं। लेकिन उनके पास न तो फौज थी और न ही धन, जिससे वो अपने पति के हत्यारे का बदला ले सके।

खान का रानी से डिमांड

इतिहासकारों के मुताबिक,रानी कमलापति ने पति की हत्यारे को मौत के घाट उतारने के लिए दोस्त मोहम्मद खान से मदद मांगी। वह मदद को तैयार भी हो गया, लेकिन इसके बदले में उसने रानी से एक लाख रुपये की मांग कर दी। रानी कमलापति के पास इतने पैसे नहीं थे फिर भी उन्होंने खान की बात मान ली क्योंकि बदला लेना था। मोहम्मद खान मुगल सेना का हिस्सा रह चुका था लेकिन उसे सेना से निकाल दिया गया था क्योंकि लूटी गई संपत्ति में उसने गड़बड़ी की थी। इसके बावजूद मोहम्मद खान भोपाल के नजदीक जगदीशपुर में अपनी सत्ता जमा रखी थी।

आलम शाह को मौत के घाट उतारा

पति की हत्या का बदला लेने के लिए कमलापति ने दोस्त मोहम्मद खान के साथ बाड़ी के राजा आलम शाह पर हमला बोल दिया। जिसमें दोनों गुटों की ओर से युद्ध हुआ लेकिन इसमें आलम शाह की मौत हो गई और कमलापति का बदला पूरा हुआ। इस घटना के बाद रानी को मोहमद खान को एक लाख रूपये देने थे लेकिन उनके पास नहीं थे। ऐसे में रानी ने भोपाल का एक हिस्सा खान को सौंप दिया। हालांकि, रानी कमलापति के बेटे नवल शाह को यह ठीक नहीं लगा। नवल शाह और मोहम्मद खान की जबरदस्त लड़ाई हुई। ऐसा कहा जाता है कि इस लड़ाई की वजह से मोहम्मद ने नवल शाह को धोखे से जहर देकर मार दिया।

बता दें कि मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से 100 किमी. की दूरी पर गिल्लौरगढ़ है जहां पर रानी कमलापति का महल है।

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