Lebanon Pager Blast: कैसे हुआ पेजर में ब्लास्ट, साजिश के पीछे किसका हाथ, यहां पढ़िए सारे सवालों का जवाब
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Lebanon Pager Blast
Lebanon Pager Blast : लेबनान में मंगलवार को एक के बाद एक कई पेजर में ब्लास्ट हुए। यह ब्लास्ट ऐसे समय पर हुए हैं जब मिडिल ईस्ट में तनाव चरम सीमा पर है। इस हमले के पीछे हिजबुल्लाह ने मोसाद को जिम्मेदार ठहराया है। पेजर में हुए ब्लास्ट में 8 लोगों की मौत हो गई थी जबकि ईरानी राजदूत समेत कई लोग घायल हुए थे।
लेबनान में सक्रिय हिजबुल्लाह आतंकवादी संगठन ने देश भर में हुए इस सीरियल ब्लास्ट के लिए मोसाद को जिम्मेदार ठहराया है। इस हमले में 2700 से अधिक लोग घायल हुए थे। हिजबुल्लाह आतंकवादी संगठन ने कहा कि, इस हमले के लिए जिम्मेदार को उचित सजा दी जाएगी।
पांच महीने पहले रची थी साजिश :
न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने इन सीरियल बम को पांच महीने पहले ही प्लांट कर दिया था। हिजबुल्लाह ने ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी से तीन हजार पेजर आर्डर किए थे लेकिन डिलीवर होने से पहले इन पेजर्स में छेड़छाड़ की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पेजर्स AP 924 मॉडल के थे। हर पेजर पर विस्फोट फिट किया गया था। यह विस्फोटक बैटरी के बगल में फिट था। मंगलवार दोपहर पेजर पर एक मेसेज आया और विफोटक एक्टिव हो गया। इसके बाद एक के बाद एक कई धमाके हुए और 8 लोगों की मौत हो गई।
ताइवानी कंपनी का क्या कहना है ?
ताइवानी कंपनी अपोलो गोल्ड के फाउंडर सु चिंग कुआन का कहना है कि, उनकी कंपनी ने इन पेजर्स का निर्माण नहीं किया बल्कि इन पेजर्स का निर्माण यूरोप की एक कंपनी ने किया है जिसके पास अपोलो गोल्ड ब्रांड का नाम का उपयोग करने का अधिकार है।
पेजर क्या है?
पेजर को बीपर के नाम से भी जाना जाता है। यह फ़ोन से अलग है। दरअसल, यह कॉम्पैक्ट बैटरी से चलने वाला रेडियो रिसीवर है जो किसी खास सिग्नल को रिसीव करने पर व्यक्ति को सचेत करता है। मॉडल के आधार पर, पेजर में कई विशेषताएं होती हैं।
1980 के दशक के अंत से 1990 के दशक तक व्यापक लोकप्रियता हासिल करने के बाद, 2000 के दशक में पेजर का चलन कम होने लगा, जब छोटे और ज़्यादा किफ़ायती सेल फ़ोन बाज़ार में आए। पेजर दो के होते हैं। एकतरफ़ा पेजर केवल संदेश प्राप्त करते हैं जबकि दोतरफ़ा पेजर में संदेश भेजने और प्राप्त करने दोनों की क्षमता होती है।