देशवासियों को कोरोना वैक्सीन कैसे लगेगी प्रधानमंत्री मोदी ने समझाया पूरा प्लान
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर सभी मुख्यमंत्रियों वर्चुअल बैठक में बातचीत की है। उन्होंने वैक्सीन को लेकर राज्यों को केंद्र की तैयारियों की जानकारी दी और कहा कि केवल वैक्सीन के भरोसे मत बैठिए। उन्होंने कहा कि वैक्सीन कब आएगी, यह वैज्ञानिकों के हाथ में है।
प्रधानमंत्री मोदी की मुख्य बातें
>>हम सभी को पहले से भी अधिक जागरूक रहने की जरुरत है।
>> कौन सी वैक्सीन कितनी कीमत में आएगी, यह भी तय नहीं है। भारतीय मूल की दो वैक्सीन मैदान में आगे हैं लेकिन बाहर के साथ मिलकर के हमारे लोग काम कर रहे हैं। दुनिया में भी जो वैक्सीन बन रही हैं, वे भी उत्पादन के लिए भारतीय कंपनियों से बात कर रहे हैं।
>> वैक्सीन को लेकर भारत के पास जैसा अनुभव है, वो दुनिया के बड़े बड़े देशों के पास भी नहीं है।
>> हमारे लिए जितनी जरूरी speed है, उतनी ही safety भी है।
>> कोरोना की लड़ाई की शुरुआत से ही हमने एक-एक देशवासी का जीवन बचाने को प्राथमिकता दी है।
>> अब वेक्सीन आने के बाद भी हमारी प्राथमिकता होगी कि सभी तक वैक्सीन पहुंचे।
>> भारत जो भी वैक्सीन अपने नागरिकों को देगा, वो हर वैज्ञानिक कसौटी पर खरी होगी।
>> जहां तक वैक्सीन के वितरण की बात है, तो उसकी तैयारी भी आप सभी राज्यों के साथ मिलकर की जा रही है।
>> वैक्सीन प्राथमिकता के आधार पर किसे लगाई जाएगी, ये भी राज्यों के साथ मिलकर तय किया जाएगा।
>> हर राज्य के सुझाव का इसमें बहुत महत्व होगा। क्योंकि आखिरकार उनको अंदाजा है कि उनके राज्यों में ये कैसे होगा।
>> कोरोना वैक्सीन से जुड़ा भारत का अभियान अपने हर देशवासी के लिए एक तरह से नेशनल कमिटमेंट की तरह है।
>> देश में इतना बड़ा टीकाकरण अभियान स्मूद हो, सिस्टमैटिक और सही प्रकार से चलने वाला हो, ये केंद्र और राज्य सरकार सभी की जिम्मेदारी है।
>> आपदा के गहरे समंदर से निकल कर हम किनारे की तरफ बढ़ रहे हैं।
>> जबकि पूरी दुनिया मानती थी कि भारत ये नहीं कर पाएगा।
पीएम मोदी ने कहा, ''हमें संक्रमण रोकने के लिए और प्रयास बढ़ाने की जरूरत है। संक्रमण दर को 5 पर्सेंट से कम लाना होगा। हम राज्य के स्केल पर चर्चा करने के बजाय लोकल लेवल पर ध्यान देना होगा। आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़ानी होगी। घरों में क्वारंटाइन मरीजों की देखभाल बढ़ानी होगी। कम्युनिटी हेल्थ सेंटर्स को बेहतर बनाना होगा। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि मृत्यु दर को 1 पर्सेंट से भी नीचे लाएं। एक भी मौत हुई तो क्यों हुई? जागरूकता अभियानों में कोई कमी ना आए।''