IAS officer Puja Khedkar': फर्जी सर्टिफिकेट विवाद के चलते IAS पूजा खेडकर की रोकी गई ट्रेनिंग
AS officer Puja Khedkar : विवादित प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की ट्रेनिंग रोक दी गई है और उन्हें मसूरी स्थित अकादमी में वापस बुला लिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी ने एक पत्र में कहा है कि उसने पूजा दिलीप खेडकर के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को रोकने का फैसला किया है और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए तत्काल वापस बुलाने का आदेश जारी किया है।
Maharashtra: Trainee IAS officer Puja Khedkar relieved from District Training Program of State Government of Maharashtra.
— ANI (@ANI) July 16, 2024
The letter from Nitin Gadre, Additional Chief Secretary (P) reads, "...LBSNAA, Mussoorie has decided to keep your District Training Program on hold and… pic.twitter.com/IHXw8ZOhmw
अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. एसवी रास्कर ने 25 अप्रैल, 2018 को पूजा खेडकर की जांच की थी। जांच के बाद यह प्रमाणित किया गया था कि, वह "40 प्रतिशत स्थायी विकलांगता के साथ निकट दृष्टि विकृति (Nearsightedness) के साथ बीई हाई मायोपिया" से पीड़ित थी। इसके बाद उन्हें विकलांगता प्रमाणपत्र जारी किया गया था।
18 जनवरी, 2021 को, मनोचिकित्सक डॉ. योगेश गाडेकर और नैदानिक मनोवैज्ञानिक मीनल काटकोल द्वारा पूजा खेड़कर की मनोरोग संबंधी बीमारी की जांच की गई। रिपोर्ट में कहा गया था कि, भारतीय विकलांगता मूल्यांकन पैमाने के तहत उसका मूल्यांकन किया गया और उसे डिप्रेशन से पीड़ित पाया गया।
इस तरह पूजा खेड़कर को प्रमाण पत्र जारी किया गया था जिसमें दोनों आँखों में कम दृष्टि (40 प्रतिशत विकलांगता) और डिप्रेशन (20 प्रतिशत विकलांगता) दिखाया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि, स्वत: उत्पन्न विकलांगता 51 प्रतिशत थी और इसी के अनुसार, एक प्रमाण पत्र जारी किया गया था।