हिंसा से पूर्व ही नूंह में बड़े पैमाने में सप्लाई हो रहे थे अवैध हथियार, पुलिस की जांच में खुलासा...

हिंसा से पूर्व ही नूंह में बड़े पैमाने में सप्लाई हो रहे थे अवैध हथियार, पुलिस की जांच में खुलासा...
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  • सौरभ ठाकुर

नूंह हिंसा - पहले से बना रखी थी दंगा करके ‘हिन्दुओं की बस्तियों’ को उजाड़ने की योजना

नूंह। नूंह हिंसा कोई एकाएक घटी घटना नही थी, बल्कि एक सुनयोजित योजना थी। जिसके लिए बकायदा पिछले कुछ महीनों से नूंह में अवैध हथियारों की जमकर सप्लाई की जा रही थी। जिसका नूंह पुलिस ने दो बार खुलासा भी किया, लेकिन उनका भय भी जिहादियों के सूबे रोकने में नाकाम रहा। नूंह के आसपास गांवों में बनी अवैध रोहिग्या बस्तियों की मस्जिदों से हिंसा के लिए ऐलान किया गया था। नूंह हिंसा को पाकिस्तान यूट्यूबर एहसान मेवाती ने भी उकसाया। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा भी था कि नूंह की घटना हिंदू समाज के लिए चुनौती है। आलोक कुमार की इस बात में दम इसलिए भी है, क्योंकि जिस प्रकार से मस्जिदों से ऐलान के बाद ’अल्ला हू अकबर और पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे के साथ मेवात हिंसा को अंजाम दिया गया, उससे प्रतीत होता है कि यह पूरी साजिश नूंह में बसे हिंदू समाज में भय पैदा कर उन्हें पलायन कराने और अपना आधिपत्य जमाने की थी।

प्राचीन मंदिरों से घिरा है ‘नूंह’

दरअसल हरियाणा के नूंह जिले में काफी प्राचीन मंदिर है, जो अपनी पहचान खोते जा रहे थे। यहां पर पांडव कालीन 3 स्वयंभू शिवलिंग है, जो यहां की ऐतिहासिकता को प्रमाणित करते हैं। मेवात के गांव श्रृंगार में भगवान श्रीकृष्ण गाय चराने आते थे और यहां बैठकर उन्होंने मंदिर के किनारे सरोवर में स्नान भी किया था। इसी को लेकर विहिप ने करीब 3 साल पहले ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा की शुरुआत की गई थी। इस यात्रा का उद्देश्य मेवात जिले के तीर्थ स्थलों व ऐतिहासिक मंदिरों को फिर से भव्य स्वरूप देना है। मेवात दर्शन यात्रा में हरियाणा के अन्य राज्यों से भी लोग आते हैं और मेवात के पवित्र स्थलों के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाते हैं, बस यही बात वहां के कुछ लोगों को अच्छी नहीं लग रही थी। नूंह में हिंदू मंदिरों में उमड़ती भीड़ और हिंदू समाज की आस्था को चोट पहुंचाने के लिए पिछले सोमवार को इसी ब्रजमंडल जलाभिषेक शोभायात्रा पर स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पथराव कर दिया। यात्रा में गो रक्षा दल, बजरंग दल सहित 25 हजार हिंदुओं ने भाग लिया था।

रोहिंग्याओं और अवैध घुसपैठियों की बस्तियों पर सख्त एक्शन

हरियाणा सरकार ने नूंह समेत कई जिलों में हिंसा फैलने के बाद सख्त एक्शन मोड लेते हुए पिछले 4 दिनों में बुलडोजर से 753 से ज्यादा घर-दुकान और अन्य अवैध अतिक्रमणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की है। प्रशासन ने इन्हें अवैध बताते हुए कहा कि इनमें रहने वाले 31 जुलाई की हिंसा में शामिल थे। नूंह में अब तक प्रशासन ने 37 जगहों पर कार्रवाई कर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की 57.5 एकड़ जमीन खाली कराई। इनमें 162 स्थायी और 591 अस्थायी निर्माण गिराए गए।

नूंह पुलिस ने पिछले 10 महीनों में पकड़े सैकड़ों अवैध हथियार

नूंह पुलिस ने बीते 7 अक्टूबर 2022 को पुन्हाना में अवैध हथियार सप्लाई करने वाले सप्लायर अब्दुल गफ्फार को गिरफ्तार किया था। वह गांव झुप्पा की अवैध हथियार बनाने वाली फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर अवैध हथियार बनवाने के आॅर्डर देता था। वहीं 20 सितंबर 2022 को नूंह पुलिस ने होडल-पुन्हाना रोड से बिछौर निवासी आसिफ और सहनवाज को अवैध हथियार की सप्लाई करते पकड़ा था। दोनों के पास मौके से 23 अवैध देशी पिस्टल 23 मैंगजीन और सैकड़ों की संख्या में कारतूस बरामद हुए थे। दोनों मध्य प्रदेश के जिला बुरहानपुर के गांव पचोरी के जंगल में बनी अवैध हथियार फैक्ट्री से बडे़ पैमाने पर हथियार बनवाते थे। वहीं 5 जुलाई 2022 को पुलिस ने अवैध हथियार तस्कर बिलाल को पकड़कर राजस्थान के भरतपुर जिले के गांव कठोल में अवैध हथियार फैकट्री का खुलासा किया था।

साइबर थाने पर हुआ हमला शक के घेरे में क्यों

हरियाणा सरकार ने एक ताजा बयान में आरोप लगाया है कि 31 जुलाई को नूंह में एक साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर हमला बड़े पैमाने पर हुई एक धोखाधड़ी के सबूतों को खत्म करने के मकसद से किया गया था। क्योंकि साइबर क्राइम टीम ने 28 अप्रैल को हरियाणा पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी रेड की थी। जिसके खुलासे से नूंह के 14 गांवों के 66 लोग गिरफ्तार हुए थे। वहीं दंगाई भीड़ के निशाने पर उनके केस से संबंधित रिकॉर्ड को मिटाना हो सकता है। भीड़ ने जिस तरह तिरंगा पार्क के पास 3 थानों को छोड़ दिया और 2 किमी दूर जाकर साइबर थाना जलाया, इससे शक और बढ़ जाता है। हमले की में थाने में मौजूद पुलिसवालों ने भी बताया है कि भीड़ रिकॉर्ड लूटने की कोशिश में थी।

नूंह से ही हुई थी तब्लीगी जमात की शुरुआत

नूंह में रहने वाले मेव मुसलमान अतीत में समन्वयवादी रीति-रिवाजों को मानते थे। फिर 1920 के दशक में मुहम्मद इलियास के नेतृत्व में इस क्षेत्र से इस्लामी आंदोलन ’तब्लीगी जमात’ की शुरुआत हुई। तब यह पूरा क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य हो चला है।

नूंह में मुसलमानों की आबादी 79 फीसदी से ज्यादा

तब्लीगी जमात के बाद फिर क्षेत्र में सबकुछ बदलता चला गया। अब नूंह में मदरसे भी काफी संख्या में हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार नूंह जिले की जनसंख्या 10,89,263 थी। इसमें 79 फीसदी आबादी मुस्लिम है। उत्तर भारत में कश्मीर के बाहर मुसलमानों का अनुपात नूंह जिले में ही सबसे ज्यारदा है। कुल जनसंख्या के हिसाब से यह भारत के 640 जिलों में 420वें स्थान पर है। इसलिए इसे मिनी पाकिस्तान भी कहा जाता है।

इस्लाम में ’नूंह’ को पैगम्बर कहते हैं

नूह को इस्लाम में ईश्वर के पैगंबर और दूत के रूप में माना जाता है। वह पैगम्बरों में से एक हैं। नूह पाप में डूबे हुए लोगों को चेतावनी देते थे। ईश्वर ने नूह को अपने लोगों को उपदेश देने का काम सौंपा था। नूह ने लोगों को मूर्तिपूजा छोड़कर एक भगवान की पूजा करने और अच्छा व शुद्ध जीवन जीने की सलाह दी। हालांकि, लोगों ने अपने तरीके सुधारने से इनकार कर दिया।

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