भारत की रूस पर कितनी है सैन्य निर्भरता, जानिए युद्ध का डिफेंस डील और देश की सुरक्षा पर क्या पड़ेगा असर
वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। युद्ध के 10वें दिन भी कोई परिणाम निकलने की संभावना बेहद कम नजर आ रही है। माना जा रहा है की आने वाले समय में रूस की ओर से यूक्रेन पर हमले और तेज किए जा सकते है। एक ओर जहां दोनों देश युद्ध के मैदान में व्यस्त है। वहीँ अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने रूस पर दबाव बनाने के लिए कई सारे प्रतिबंध लगा दिए है। इन प्रतिबंधों का भारत और रूस के बीच हुई डिफेंस डील पर असर पड़ने की आशंका बढ़ गई है। जिसके कारण देश भर में इस मुद्दे पर चर्चा चल रही है। हालांकि रूस ने इस संबंध में स्पष्ट किया है की जंग और प्रतिबंध का दोनों देशों के बीच चल रहे रक्षा सौदों पर असर नहीं पड़ेगा।
देश में इन प्रतिबंधों की चर्चा तेज होने के पीछे का मुख्य कारण है हथियारों के मामले में रूस पर भारत की निर्भरता। भारत स्वतंत्रता के बाद ब्रिटिश और अन्य पश्चिमी देशों से हथियारों की खरीदी पर निर्भर था। समय के साथ पश्चिमी देशों पर ये निर्भरता कम होती गई और साल 1970 के बाद भारत ने तत्कालीन सोवियत संघ और अब रूस से हथियारों का आयात शुरू कर दिया। रूस ने भारत को कई मह्त्वपूर्ण हथियार दिए। जिसमें परमाणु पनडुब्बी, विमान वाहक, टैंक, बंदूकें, लड़ाकू जेट और मिसाइल शामिल हैं।
रूस एकल सबसे बड़ा आयातक -
विश्वभर में हथियारों की खरीदी-बिक्री का अध्ययन करने वाली स्वीडिश संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार भारत वर्तमान में अपने आधे से अधिक हथियार रूस से खरीदता है। साल 2011 से 2015 के बीच भारत द्वारा खरीदे गए हथियारों में 70 फीसदी रूस से आयात किए थे। वहीँ 2016 से 2020 के बीच ये आंकड़ा कम होकर 49 फीसदी पर आ गया लेकिन रूस अभी भी सबसे बड़ा एकल आयातक बना हुआ है।वहीं यूक्रेन से भारत महज 0.5% हथियार खरीदता है।
S-400 मिसाइल सिस्टम -
वर्तमान समय में भारत और रूस के बीच जारी डिफेन्स डील में S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम भी शामिल है. S-400 रूस की सबसे एडवांस्ड मिसाइल है, जो जमीन से हवा में मार करने में सक्षम है। अमेरिका की चेतावनी के बावजूद भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस के साथ 5 अरब डॉलर में S-400 की डील की थी। विशेषज्ञों का मानना है की रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों से ये डील प्रभावित हो सकती है। भारत को मिसाइल सिस्टम मिलने में देरी हो सकती है।
भारतीय सेना में शामिल रूसी हथियार -
थल सेना -
टैंक - T-72M1 और T-90s
बन्दूक - AK-203 असॉल्ट राइफल्स
मिसाइल : ब्रह्मोस मिसाइल भारत ने रूस के सहयोग से तैयार की है।
वायुसेना -
लड़ाकू विमान: भारतीय वायुसेना का 667-विमान फाइटर ग्राउंड अटैक (FGA) बेड़ा 71% रूसी मूल (39% Su-30s (सुखोई), 22% MiG-21s, 9% MiG-29s) का है। सेवा में शामिल सभी छह एयर टैंकर रूस निर्मित IL-78s हैं।
नौसेना -
युद्धपोत - भारत के बेड़े में शामिल 17 युद्धपोतों में से 6 रूस द्वारा दिए हुए है। वहीँ एक मात्र लड़ाकू विमान वाहक पोत भी सोवियत संघ द्वारा दिया हुआ है। इसके अलावा 10 गाइडेड मिसाइल में से 4 रूस से मिली है।