सभी राज्य बनाए सहकारिता कानून, हम नहीं करेंगे हस्तक्षेप : अमित शाह
नईदिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि कॉर्पोरेट गवर्नेंस के सारे सिद्धांतोँ को सहकारिता के क्षेत्र में लागू करने की जरूरत है। ऐसा करने से लोग आसानी से सहकारिता की ओर रुख करेंगे। उन्होंने कहा कि सहकारिता को बढ़ावा के उद्देश्य से ही सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है। सहकारिता मंत्रालय भले ही बीते वर्ष अस्तित्व में आया है लेकिन देश से सहकारिता का पुराना रिश्ता रहा है।
दिल्ली के डीआरडीओ भवन में आयोजित दो दिवसीय 'सहकारिता नीति पर राष्ट्रीय सम्मेलन' का उद्घाटन करते हुए शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार चाहती है कि हर गांव तक सहकारिता पहुंचे और इससे लोग लाभ ले सकें। आज देश के हर क्षेत्र में सहकारिता की भागीदारी है। केंद्र का राज्य सहकारी समितियों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन वह संवाद और समन्वय के माध्यम से राज्य के कानूनों में एकरूपता लाने के लिए होना चाहिए. उन्होंने कहा, राज्य को
शाह ने कहा कि सहकारिता को देश का आर्थिक मॉडल बनाने के लिए राज्यों और केन्द्र को साथ मिलकर काम करना होगा और इस मिशन में सहकारिता मंत्रालय को संवाद सेतु की भूमिका में रहना है। उन्होंने कहा कि देश में आठ लाख से अधिक सहकारी समितियां सफलता से काम कर रही है। 51 फीसदी गांवों में सहकारिता की पहुंच है। देश के 100 फीसदी गांवों में सहकारिता पहुंचे इस दिशा में काम किया जा रहा है।
शाह ने कहा कि सहकारिता को सरल करने के लिए कुछ मुद्दों पर ध्यान देने की विशेष जरूरत है। जैसे लोग अधिक से अधिक सहकारी समितियां बना सकें इसके लिए फ्री रजिस्टेशन के लिए हमें विचार करना चाहिए, समितियों के संचालन के लिए पारदर्शी व्यवस्था होनी चाहिए और सबसे जरूरी बात की समितियों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव होना चाहिए। शाह ने कहा कि अलग-अलग सहकारी समितियों में समन्वय होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय राज्यों से संवाद करेगा उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं जाएगा लेकिन जो बाधाएं हैं उसे राज्य और केन्द्र मिलकर दूर करेंगे। जिससे सहकारिता का उद्देश्य सार्थक हो सके।
शाह ने कहा कि गांव को आत्मनिर्भर बनाने, किसानों की आय दोगुनी करने, जीडीपी में अहम रोल निभाना सहति पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था में सहकार की अहम भूमिका रहे इसके लिए सबको मिलकर काम करना होगा।