डेनमार्क में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- जल्द रुके रूस-यूक्रेन युद्ध, बातचीत से निकाले रास्ता
कोपेनहेगन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अपनी डेनिश समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ संयुक्त वक्तव्य में कहा कि भारत यूक्रेन में तत्काल युद्ध विराम और सभी समस्याओं के समाधान के लिए बातचीत का रास्ता अपनाने की अपील करता है।
डेनमार्क यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी डेनिश समकक्ष ने आज आपसी हितों सहित क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के विषयों पर चर्चा की। बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त तौर पर अपना वक्तव्य दिया। वक्तव्य के पहले दोनों देशों के बीच हुए करारों से जुड़े दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया। दोनों देशों के बीच स्वच्छ जल, शिपिंग, पशुपालन व डेयरी, संस्कृति, कौशल विकास, तकनीकी निवेश और वाणिज्य से जुड़े क्षेत्रों में करार हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून के शासन जैसे मूल्यों को साझा करते हैं और दोनों देश में एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरक क्षमताएं भी हैं।उन्होंने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के रिश्तों, हिन्द-प्रशांत और यूक्रेन सहित क्षेत्रीय तथा वैश्विक विषयों पर अपनी समकक्ष के साथ बातचीत की। दोनों देशों ने मुक्त, खुले, समावेशी एवं नियम आधारित हिन्द-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि 200 से अधिक डेनिश कंपनियां भारत में पवन ऊर्जा, शिपिंग, कंसलटेंसी, खाद्य प्रसंस्करण और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम कर रही हैं। भारत में बढ़ते 'इज ऑफ डूइंग बिजनेस' और व्यापक आर्थिक रिफॉर्म का इन कंपनियों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन उद्योग क्षेत्र में डेनिश कंपनियों और डेनिश पेंशन फंड के लिए निवेश के अवसर हैं।
इससे पहले डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य में यूक्रेन संघर्ष को लेकर रूस की निंदा की। साथ ही यह बताया कि उनकी प्रधानमंत्री के साथ इस विषय पर भी चर्चा हुई है। दोनों देश लोकतंत्र, कानून आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में विश्वास रखते हैं और यूक्रेन संकट पर हत्याओं की निंदा, मानवीय सहायता पहुंचाने और स्वतंत्र जांच के पक्षधर हैं।
डेनिश प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दोनों देशों की एक मजबूत हरित रणनीतिक साझेदारी के धीरे-धीरे नतीजे सामने आने लगे हैं। डेनमार्क भारत को फॉसिल फ्यूल का विकल्प हासिल करने में सहायता कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दूसरे पड़ाव डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन पहुंचे जहां एयरपोर्ट पर स्वयं प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने स्वयं उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री के साथ उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई।