अमेरिका और रूस के बाद भारत ने ब्रिटिश सेनाओं के साथ किया युद्धाभ्यास

अमेरिका और रूस के बाद भारत ने ब्रिटिश सेनाओं के साथ किया युद्धाभ्यास
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- अरब सागर में खत्म हुआ दोनों देशों की सेनाओं के तीनों अंगों के बीच 'कोंकण शक्ति' अभ्यास

- भारतीय नौसेना हिन्द महासागर क्षेत्र में किसी भी स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार

नई दिल्ली/वेब डेस्क। चीन से तनाव के बीच भारत की नौसेना ने अमेरिका और रूस के बाद ब्रिटेन की सेनाओं के साथ अरब सागर में सैन्य अभ्यास पूरा कर लिया है। अरब सागर में 'कोंकण शक्ति' नाम से शुरू इस युद्धाभ्यास में ब्रिटेन के सबसे बड़े युद्धपोत एचएमएच क्वीन एलिजाबेथ की अगुआई में ब्रिटिश कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) ने हिस्सा लिया। दोनों देशों की सेनाओं के तीनों अंगों ने भारत के पश्चिमी तट पर यह अभ्यास दो चरणों में पूरा किया है। इस अभ्यास के जरिये भारत ने चीन को सन्देश दिया है कि हिन्द महासागर क्षेत्र और अरब सागर में भारतीय नौसेना किसी भी स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है।

भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के सशस्त्र बलों के बीच अभ्यास का पहला चरण मुंबई में बंदरगाह पर 21 से 23 अक्टूबर तक हुआ जबकि समुद्री अभ्यास 24 से 27 अक्टूबर तक आयोजित किया गया। इसमें भाग लेने वाली इकाइयों को दो विरोधी ताकतों में बांटा गया था, जिसका उद्देश्य सेना के जमीनी सैनिकों को उतारने के लिए 'समुद्र नियंत्रण' हासिल करना था। दोनों बलों ने अपने-अपने ग्रुप के भीतर सी-एप्रोच, एयर डायरेक्शन और लड़ाकू विमानों (मिग 29के और एफ35 बी विमानों) से हमले वाले अभियान, समुद्र में युद्ध की परिस्थितियों के बीच हेलीकॉप्टरों (सी किंग, चेतक और वाइल्डकैट) के क्रॉस कंट्रोल जैसे अभ्यास तथा हवा में अपनी स्थिति बदलने वाले लक्ष्यों पर गन से फायरिंग करने जैसे अभ्यास किए।

भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वेस्टर्न फ्लीट रियर एडमिरल अजय कोचर ने किया और इसमें फ्लैग शिप आईएनएस चेन्नई, भारतीय नौसेना के अन्य युद्धपोत और रॉयल नेवी के टाइप 23 फ्रिगेट एचएमएस रिचमंड शामिल थे। युद्धाभ्यास में ब्रिटेन के सबसे बड़े युद्धपोत एचएमएच क्वीन एलिजाबेथ की अगुआई में ब्रिटिश कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) ने हिस्सा लिया। कैरियर बैटल ग्रुप या कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ब्रिटिश नौसना का विशाल बेड़ा है, जिसमें एक विमानवाहक पोत शामिल है। इनके अलावा इनमें बड़ी संख्या में विध्वंसक, फ्रिगेट एवं अन्य पोत शामिल हैं। अमेरिका और रूस के बाद ब्रिटेन की नौसना सबसे बड़ी है, जिसने भारत की तीनों सेनाओं के साथ युद्धाभ्यास किया।

हवाई अभियानों में भारतीय समुद्री गश्ती विमान (एमपीए) डोर्नियर, भारतीय नौसेना (मिग 29 के), रॉयल नेवी (एफ 35 बी) और भारतीय वायुसेना (एसयू -30 और जगुआर) लड़ाकू विमानों के दस्ते पर हमले शामिल थे, साथ ही इस फॉर्मेशन पर कंपोजिट फ्लाई पास्ट शामिल था। रात में भारतीय स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी और रॉयल नेवी द्वारा संचालित पानी के भीतर रिमोट नियंत्रित वाहन ईएमएटीटी के साथ जमीनी अभ्यास किए गए। भारतीय समुद्री गश्ती विमान (एमपीए), पी-8आई ने भी अभ्यास में भाग लिया। अभ्यास के दौरान दोनों नौसेनाओं की व्यावसायिकता, उच्च स्तर की इंटरऑपरेबिलिटी और तैयारियों का प्रदर्शन किया गया। यह दोनों देशों के बीच कई वर्षों की अवधि में बनाई गई आपसी विश्वास और समझ को भी दर्शाता है।

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