भारत अवसरों का देश, USA कंपनियों के लिए निवेश के कई विकल्प : पीएम मोदी
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी इंडिया आइडियाज समिट को संबोधित कर रहे हैं। वर्चुअल समिट की मेजबानी यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल द्वारा की जा रही है। इसमें भारत-अमेरिका सहयोग और उनके संबंधों पर चर्चा हो रही है। इस समिट का थीम 'बेहतर भविष्य का निर्माण' है और इसी साल काउंसिल के गठन की 45वीं वर्षगांठ भी है।
विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने यूएसआईबीसी के डिजिटल शिखर सम्मेलन में गवलान मुद्दे पर कहा कि हाल में पीएलए द्वारा शुरू किया गया संघर्ष चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अस्वीकार्य व्यवहार का उदाहरण है। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि 20 भारतीय सैनिकों की मौत से अमेरिका को काफी दुख हुआ है। पोम्पियो ने भारत को महत्वपूर्ण साझीदार और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की विदेश नीति का मुख्य स्तंभ बताया।
-प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में निवेश करने का विकल्प व्यापक है। भारत आपको हमारे किसानों की हार्डवर्क में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता है। हमने हाल ही में कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किए हैं।
- पीएम मोदी ने कहा कि पहली बार शहर की तुलना में ग्रामीण इंटरनेट उपयोगकर्ता अधिक हैं। भारत में अभी लगभग आधे बिलियन सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं।
- मोदी ने कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान, हमने अपनी अर्थव्यवस्था को अधिक खुला और सुधार उन्मुख बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं।
- भारत 'आत्मानिभर भारत' के माध्यम से एक समृद्ध दुनिया में योगदान दे रहा है। इसके लिए, हम आपकी साझेदारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ओपन माइंड और ओपन मार्केट दोनों का ही समर्थक है।
- पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक लचीलापन मजबूत घरेलू आर्थिक क्षमताओं द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। इसका मतलब विनिर्माण के लिए घरेलू क्षमता में सुधार, वित्तीय प्रणाली को बेहतर करना और अंतरराष्ट्रीय व्यापार का विविधीकरण है।
- एस जयशंकर ने कहा कि मैं आर्थिक संबंधों की प्रमुखता को समझता हूं...ये अति आवश्यक मुद्दे हैं। ये वास्तव में देशों को एक-दूसरे से समझौते के प्रमुख आधार हैं। लेकिन मेरा मानना है कि भारत और अमेरिका के बीच हम जहां वाणिज्य मुद्दों के माध्यम से काम करते हैं, हमें बड़ा सोचने की जरुरत है।
- इंडिया आइडियाज शिखर बैठक में ऑनलाइन संवाद सत्र के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों में वैश्विक एजेंडे को आकार देने की क्षमता है। भारत और अमेरिका को वाणिज्य संबंधों में लंबित समस्याओं का समाधान करने और बड़े परिदृश्य की ओर आगे बढ़ने की जरुरत है।
- अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के पास मौका है कि वह चीन से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को अपने यहां आकर्षित करे और चीनी कंपनियों पर अपनी निर्भरता को कम करे। पोम्पियों ने कहा कि अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले जी 7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है, जहां हम अंतरराष्ट्रिय समृद्धि तंत्र को आगे बढ़ाएंगे।