पारंपरिक चिकित्सा को मिलेगा बढ़ावा, भारत ने WHO संग किया करार
नईदिल्ली। पारंपरिक चिकित्सा को लेकर भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है। आयुष मंत्रालय ने गुजरात के जामनगर में पारंपरिक चिकित्सा पर ग्लोबल सेंटर की स्थापना के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
Ministry of #Ayush has today signed the Host Country Agreement with World Health Organization for establishing WHO Global Centre for Traditional Medicine in India at Jamnagar, Gujarat, with its interim office at the Institute of Training and Research in Ayurveda in Gujarat. pic.twitter.com/w9WBV4gdgJ
— Ministry of Ayush (@moayush) March 25, 2022
आयुष मंत्रालय के अनुसार ग्लोबल सेंटर का प्राथमिक उद्देश्य आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से दुनिया भर से पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता बढाकर दुनिया भर के समुदायों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करना है। इस समझौते को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ट्वीट कर बताया कि पारंपरिक चिकित्सा के लिए इस ग्लोबल सेंटर के लिए भारत सरकार ने 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है।
दुनिया की लगभग 80 प्रतिशत आबादी पारंपरिक चिकित्सा का उपयोग करती है। अब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन के 194 सदस्य देशों में से 170 ने पारंपरिक चिकित्सा के इस्तेमाल की जानकारी दी है। उनकी सरकारों ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों तथा उत्पादों पर विश्वसनीय साक्ष्य व डेटा का एक निकाय बनाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का समर्थन किया है।