भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर लगाया बैन

भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर लगाया बैन
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जांच में 15 जुलाई के बाद एकाउंट चालू मिलने पर सख्त कार्रवाई की हिदायत
अब सेना के अधिकारी, जवान नहीं कर सकेंगे फेसबुक, इंस्टाग्राम के अलावा करीब 89 साइट्स का इस्तेमाल

नई दिल्ली। भारतीय सेना ने अपने सभी अफसरों और जवानों के लिए सोशल साइट्स के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। बैन किए गए सोशल प्लेटफार्म में फेसबुक, इंस्टाग्राम के अलावा करीब 89 साइट्स हैं। आर्मी ने सख्त हिदायत के साथ निर्देश दिए हैं कि प्रतिबंधित साइट्स और सोशल मीडिया से अपना एकाउंट डिलीट करना होगा, सिर्फ डीएक्टिवेट करने से काम नहीं चलेगा। यह भी चेतावनी दी गई है कि 15 जुलाई के बाद जांच होगी जिसमें एकाउंट चालू मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी।

दरअसल सेना से जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों या जवानों के सोशल मीडिया, साइट्स, नेटवर्किंग में सक्रिय रहने पर खुफिया जानकारियां लीक होने का खतरा बना रहता है। हनी ट्रैप में फंसने के तमाम मामले खुफिया एजेंसियों ने उजागर किए हैं। अभी कुछ माह पहले तमिलनाडु के सात नौसैनिकों के हनी ट्रैप में फंसकर गोपनीय जानकारी लीक करने का मामला उजागर हुआ था। कई मामलों में खुफिया तंत्र ने अपनी सक्रियता से हनी ट्रैप में फंसने से पहले ही बचाया भी है। इसलिए मौजूदा माहौल को देखते हुए भारतीय सेना ने यह अहम फैसला लिया है।

भारतीय सेना ने अपने सभी अफसरों और जवानों को फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित कुछ और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अपने एकाउंट डिलीट करने के निर्देेश दिए हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम के अलावा जिन 89 साइट्स पर प्रतिबंध लगाया गया है उसमें वी चैट, वाइबर, जूम, ट्रू कॉलर, पबजी, क्लब फैक्ट्री, टिंडर, डेली हंट, हंगामा, सॉन्ग्स डॉट पीके भी शामिल हैंं। आदेश में व्हाट्सएप, टेलिग्राम, सिगनल, यू/ट्यूब, ट्विटर, कोरा, लिंकडन के सीमित इस्तेमाल की छूट दी गई है। आदेश में यह भी कहा गया है कि यू-ट्यूब, ट्वीटर, का इस्तेमाल सिर्फ जानकारी लेने के लिए किया जा सकता है। यानी इसमें अपनी तरफ से कुछ भी अपलोड नहीं किया जा सकता।

आदेश में सख्त चेतावनी दी गई है कि 15 जुलाई के बाद चेकिंग की जाएगी कि सभी ने निर्देशों का पालन किया है या नहीं। अगर प्रतिबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी अफसर या जवान का एकाउंट पाया गया, तो संबंधित यूनिट की इंटेलिजेंस जांच करेगी। इसके बाद यह फीड बैक निचले स्तर से ऊपरी स्तर तक की हर ब्रीफिंग में बताया जाएगा।

जासूसी के लिहाज से सबसे ज्यादा खतरनाक मानी जाने वाली फेसबुक पर सख्ती के पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए हैं।दरअसल अभी तक हनी ट्रैप के अधिकांश मामले फेसबुक के जरिए सामने आए हैं।फेसबुक के जरिए फोटोज से लगाकर पारिवारिक, कार्यालय से संबंधित जानकारी हासिल करना आसान होता है। सेना के लोग ट्विटर का इस्तेमाल कर सकेंगे क्योंकि इस पर बैैैन नहीं लगाया गया है।

सोशल मीडिया के बारे में सेना की पहले से जारी एडवााइजरी में सिर्फ यूनिफॉर्म में अपनी फोटो पोस्ट करनेे और लोकेशन की जानकारी साझा करने की मनाही थी लेकिन अब देश के मौजूदा हालातों को देखते हुए सेना को सख्त होना पड़ा है।

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