Indian Army Day 2025: पुणे में मनाया जा रहा थल सेना दिवस, जानिए क्या है इसका इतिहास, दिल्ली के बाहर कैसे शुरू हुई परेड?
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By - Jagdeesh Kumar |15 Jan 2025 9:58 AM IST
परंपरागत रूप से देश के आजादी के बाद से हमेशा सेना की परेड राजधानी दिल्ली में ही आयोजित होती थी। लेकिन 2023 से इस परंपरा को बदला गया।
पूरे देश भर में आज यानी 15 जनवरी को भारतीय थल सेना दिवस मनाया जा रहा है। देशभर में सेवा के जवानों को नमन करने के लिए अलग-अलग तरह के कार्यक्रम किए जा रहे हैं। पहली बार सेना दिवस के मुख्य कार्यक्रमों की मेजबानी पुणे कर रहा है।
परंपरागत रूप से देश के आजादी के बाद से हमेशा सेना की परेड राजधानी दिल्ली में ही आयोजित होती थी। लेकिन 2023 से इस परंपरा को बदला गया और इसकी मेजबानी अलग - अलग शहरों में शुरू हुई। पहली बार 2023 में बेंगलुरु, 2024 में लखनऊ और अब 2025 में पुणे में परेड का भव्य आयोजन किया गया है।
15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है सेना दिवस?
साल 1949 में, जनरल के. एम. करियप्पा भारत के पहले सेनाध्यक्ष बने। यह एक ऐतिहासिक पल था जब किसी भारतीय के हाथ में भारतीय सेना की बागडोर थी। 15 जनवरी 1949 को जनरल के. एम. करियप्पा ने अपना पदभार संभाला था, इसीलिए इन दिन को हर साल भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। 2023 तक दिल्ली के करियप्पा मैदान में ही भव्य परेड का आयोजन किया जाता था।
पुणे में ही क्यों हो रही इस साल की परेड
पुणे भारत के सैन्य इतिहास और विरासत में एक प्रमुख स्थान रखता है। यहां राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) जैसे रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए मुख्यालय तो हैं ही। इसके अलावा, मराठा साम्राज्य के साथ अपने समृद्ध जुड़ाव के साथ, पुणे लंबे समय से सैन्य रणनीति, प्रशिक्षण और संचालन का केंद्र रहा है। यही वजह है कि दिल्ली, लखनऊ, बेंगलुरु के बाद अब पुणे में भारतीय सेना दिवस मनाया जा रहा है।
क्या है थल सेना दिवस 2025 की थीम
प्रत्येक वर्ष सेवा के जवानों को सम्मान देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है, हर साल इसके लिए नहीं थीम चुनी जाती है। इस साल 2025 में सेना दिवस की थीम है -"Samarth Bharat, Saksham Sena" यानी समर्थ भारत, सक्षम सेना थीम के साथ आज देश भर में सेना दिवस मनाया जा रहा है। जिसका अर्थ है हर क्षेत्र में समर्थ इस देश की सेना हर कठिन परिस्थिति के लिए सक्षम है।
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