भारतीय सेना ने पूर्वोत्तर में LAC से सटे इलाकों में बढ़ाई सैन्य तैनाती

भारतीय सेना ने पूर्वोत्तर में LAC से सटे इलाकों में बढ़ाई सैन्य तैनाती
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नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में जून में हुई हिंसक झड़प एशिया के दो दिग्गज देशों के बीच हाल के दशकों की सबसे बुरी झड़प थी और उसके बाद से दोनों देशों में जारी तनाव में कमी के बहुत कम संकेत मिल रहे हैं। यही वजह है कि भारत एलएसी पर लगातार सैन्य तैनाती बढ़ा रहा है। चीनी सैनिकों ने अभी 29-30 अगस्त की दरम्यानी रात और 31 अगस्त को भी पैंगोंग सो इलाके में भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की थी लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन्हें खदेड़ दिया।

बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के अंजाव जिले में सैनिकों की आवाजाही दोनों देशों के बीच व्यापक टकराव के संकेत दे रही है। हालांकि, भारत के अधिकारियों ने इससे इनकार किया है। अंजाव की चीफ सिविल सर्वेंट आयुषी सूदन ने कहा, 'निश्चित तौर पर सैन्य उपस्थिति में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन जहां तक टकराव की रिपोर्टों का सवाल है तो ऐसी कोई जानकारी अभी तक नहीं मिली है।' उन्होंने कहा कि वहां भारतीय सेना की कई बटालियन वहां तैनात थीं।

अंजाव जिले के वैलोंग और चगलागम इलाके को सबसे ज्यादा संवेदनशील बताते हुए गाओ ने आगे कहा, 'अब यह नियमित बात हो गई है, इसमें कुछ भी नया नहीं है।'

1962 की जंग के दौरान भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को वैलोंग में रोक दिया था जबकि पड़ोसी देश के सैनिकों की तादाद बहुत ज्यादा थी। इस इलाके में पहाड़, घास के मैदान और तेज बहाव वाली नदियां हैं। अब सरकार इस इलाके में बस्तियां बसाने और सड़कों को बनाने पर फोकस कर रही है।

विवादित इलाके में गांवों की श्रृंखला बसाने की योजना की तरफ इशारा करते हुए सुजान ने कहा, 'हम ग्रामीणों के लिए और ज्यादा संभावनाओं और अवसरों को पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। यह लोगों को फिर से बसाने के लिए है।'

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