बोफोर्स तोप से चीन पर निशाना साधने को तैयार भारतीय सेना

बोफोर्स तोप से चीन पर निशाना साधने को तैयार भारतीय सेना
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लद्दाख। भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद अप्रैल महीने की शुरुआत से ही जारी है। दोनों पक्षों के बीच कई स्तर की वार्ताएं होने के बाद भी तनाव में कमी नहीं आ सकी है। इस वजह से भारतीय सेना लद्दाख में लंबे समय तक रहने की तैयारी कर रही है। सेना ने किसी भी ऑपरेशन के लिए बोफोर्स हॉवित्जर तोपों को भी तैयार रखा है। सेना ने इन तोपों का इस्तेमाल कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को परास्त करने में भी किया था।

लद्दाख में इंजीनियर लगातार 155 एमएम वाली बोफोर्स तोपों की सर्विसिंग और मैंटेनेंस कर रहे हैं। वे तोप को किसी भी हालात के लिए तैयार कर रहे हैं। 1980 के दशक में तोपखाने की रेजिमेंट में शामिल की गई बोफोर्स तोप हाई और लो दोनो ही एंगल में फायरिंग करने में सक्षम हैं।

लद्दाख में, सेना के इंजीनियरों को एक ऐसी ही बोफोर्स तोप की सर्विस करते हुए देखा गया था, जिसके बारे में कहना था कि कुछ दिनों के बाद यह पूरी तरह से गरजने के लिए तैयार हो जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, इन्हें समय-समय पर सर्विसिंग और रखरखाव की जरूरत होती है और इसके लिए तकनीशियनों को तैनात किया गया है।

लेफ्टिनेंट कर्नल प्रीति कंवर ने कहा कि टेक्निकल स्टोर ग्रुप का काम फायरिंग पिन से लेकर इंजन की असेंबली तक, सबकुछ मुहैया कराना है। इस वाहन के पीछे मोबाइल स्पैर्स वैन है, जिसके जरिए हम तकनीशियनों को फॉरवर्ड एरिया में कंपोनेंट मुहैया कराते हैं।'

बता दें कि बोफोर्स तोपों ने 1999 में हुए कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। तोप ने युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ ऊंचाई वाले पहाड़ों पर बने बंकरों और ठिकानों को आसानी से नष्ट कर दिया था और पाक सेना को भारी नुकसान पहुंचाया था।

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