भारत सरकार ने "नो परमिशन, नो टेकऑफ" नीति के तहत ड्रोन के लिए खोला आकाश

भारत सरकार ने नो परमिशन, नो टेकऑफ नीति के तहत ड्रोन के लिए खोला आकाश
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केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नई ड्रोन नीति को जारी करते हुए बताया की देश की सुरक्षा के मद्देनज़र 6 नियम बनाए हैं।

नईदिल्ली/वेब डेस्क। समय के साथ तकनीक में बदलाव के बाद ड्रोन की उपयोगिता सभी क्षेत्रों में बढ़ती जा रही है।आज सीमाओं की सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, कृषि, मौसम विज्ञान आदि में ड्रोन का उपयोग हो रहा है। केंद्र सरकार ने ड्रोन की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए नई ड्रोन नीति का एलान किया है।


प्रधानमंत्री ने कहा की नए ड्रोन नियम भारत में इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण की शुरुआत है। ये नए नियम विश्वास और स्व-प्रमाणन पर आधारित हैं। अब अनुमोदन, अनुपालन आवश्यकताओं और प्रवेश बाधाओं को काफी कम कर दिया गया है। नए ड्रोन नियम इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्ट-अप और हमारे युवाओं की काफी मदद करेंगे। यह नवाचार और व्यापार के लिए नई संभावनाएं खोलेगा। यह भारत को ड्रोन हब बनाने के लिए नवाचार, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में भारत की ताकत का लाभ उठाने में मदद करेगा।

ड्रोन के लिए 6 नियम -

वहीँ उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नई ड्रोन नीति को जारी करते हुए बताया की देश की सुरक्षा के मद्देनज़र हमने 6 नियम बनाए हैं। आपके ड्रोन का आकार जो भी हो उसे रजिस्टर करना ज़रूरी है। सभी ड्रोन मालिकों को आधार और पासपोर्ट डिटेल देनी होगी। हमारी सुरक्षा एजेंसियों को डिजिटल स्काई प्लेटफार्म का डायरेक्ट एक्सेस दिया जाएगा। DGCA की संस्था किसी भी ड्रोन का निरीक्षण कर सकती है। अगर किसी राज्य को लगे कि सीमित समय के लिए किसी क्षेत्र को रेड ज़ोन में परिवर्तित करना है जहां फ्लाइंग अनुमति के बिना वर्जित है, तो राज्य उस क्षेत्र को 48 घंटे के लिए रेड ज़ोन में परिवर्तित कर सकता है। सुरक्षा के फीचर्स 'नो परमिशन - नो टेक-ऑफ' एक OTP की तरह होते हैं। रियल टाइम ट्रैकिंग व्हीकल, जियो फेंसिंग ये सब नियम भविष्य में हम निर्धारित करेंगे।



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