Madan Mahal : जानिए किसके नाम पर रखा गया मदन महल का नाम, आकर्षक पर्यटक स्थलों में से है एक

Madan Mahal Tourism: मध्य प्रदेश में कई सारे पर्यटक स्थल (MP Tourism )है जो अपने आप में आकर्षक और लोक कलाओं का दर्शन कराते हैं। इसमें ही शामिल जबलपुर शहर में गोंडवाना साम्राज्य (Gondwana )का मदन महल (Madan Mahal) आता है जो आकर्षक पर्यटक स्थल में से एक है। इसे लोग दुर्गावती किले के नाम से भी जानते हैं। आज हम इस लेख में मदन महल के इतिहास और निर्माण के बारे में जानेंगे जो आपके लिए ज्ञानवर्धक रहेगा।
जानिए किसने बनाया था मदन महल
यहां पर इस खूबसूरत मदन महल की बात करें तो इसे राजा मदन सिंह ने लगभग 1100 ई. में बनवाया था। जो जबलपुर से क़रीब दो किमी दूर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस महल का नाम राजा के नाम पर पड़ा है तो वहीं पर इसे मदन महल किला और पूरी पहाड़ी को मदन महल पहाड़ी कहा जाता है। इतना ही नहीं जबलपुर के एक और रेलवे स्टेशन को मदन महल के बारे में जानते हैं।
महल के इस कोने से नजर आता है पूरा शहर
मदन महल का किला जमीन से लगभग 500 मीटर की ऊंचाई यानी पहाड़ी पर यह किला स्थित है। जिसे एक बड़ी ग्रेनाईट चट्टान को तराशकर बनाया गया है। इसे लेकर जानकारी मिलती है कि यह किला राजा-महाराजाओं ने अपनी शानो-शौकत के लिए बनवाया था, लेकिन युद्ध के दौरान इस किले का प्रयोग सेनाएं वाच टावर के रुप में करने लगीं। यहां पर एक कोने से पूरा शहर नजर आता है।
मदन महल में क्या थी सुरंग
मदन महल को लेकर कहा जाता है कि इसमें पहले एक सुरंग हुआ करती थी। जिसका प्रयाेग राजा-महाराजा युद्ध के समय करते थे। यह सुरंग किले से शुरु होकर आदिवासी बाहुल्य जिले मंडला में खुलती थी। वहीं एक सुरंग जबलपुर के नर्मदा रोड स्थित बादशाह हलवाई मंदिर तक भी जाती थी, बादशाह हलवाई मंदिर में इसके साक्ष्य आज भी मौजूद हैं।