जम्मू-कश्मीर चुनाव : पाकिस्तानी शरणार्थियों ने पहली बार डाले वोट, बोले- 70 साल बाद हुआ इंसाफ
- - आतंकवादियों की चेतावनी के बावजूद डीडीसी चुनाव को लेकर लोगों में दिखा भारी उत्साह
- - पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जिला सांबा में बसे डाले गए सबसे ज्यादा वोट
जम्मू कश्मीर। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार शनिवार को हो रहे जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों में पाकिस्तानी शरणार्थियों को 70 साल बाद लोकतंत्र में हिस्सेदारी मिली है। पहले चरण के लिए शनिवार को हुए मतदान में लोगों में काफी उत्साह देखा गया। आतंकवादियों ने लोगों को मतदान से दूर रहने की चेतावनी दी थी लेकिन इसके बावजूद लोगों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपनी आस्था व्यक्त की और वोट डालने के लिए अपने घरों से बाहर निकले।
- मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और पहले दो घंटे में 5.25 प्रतिशत मतदान हो पाया था।
- दोपहर एक बजे तक यह मतदान प्रतिशत करीब 40 प्रतिशत तक पहुंच गया।
- दोपहर एक बजे तक पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जिला सांबा में बसे लोगों ने मतदान में भारी उत्साह दिखाया। दोपहर एक बजे तक प्रदेश में सबसे ज्यादा 59.29 प्रतिशत मतदान इसी जिले में हुआ।
- राजौरी जिले में 57.73 प्रतिशत मतदान दर्ज
- पुंछ जिले में इस दौरान 55.48 प्रतिशत मतदान हो चुका था।
- रियासी जिले में 56.17, कठुआ जिले में 54.23 प्रतिशत, जम्मू जिले में 48.96 प्रतिशत मतदान हुआ।
- किश्तवाड़ में 27.14 प्रतिशत व डोडा में 50.63 प्रतिशत मतदान हुआ था।
अखनूर तहसील में पश्चिमी पाकिस्तान रिफ्यूजियों के करीब 100 परिवार है जो आजादी के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में मतदान से वंचित थे। अब अनुच्छेद 370 व 35ए समाप्त होने और जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद इन परिवारों ने भी मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लिया। जम्मू संभाग में पश्चिमी पाकिस्तान रिफ्यूजियों के 26 हजार परिवार हैं जो पहली बार जम्मू-कश्मीर के किसी चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं। इनमें से अधिकतर परिवार जम्मू, सांबा व कठुआ जिले में बसे है। जम्मू जिले में आज पहले चरण के मतदान में ऐसे करीब 100 परिवारों ने अपने मताधिकारों का इस्तेमाल किया है।
छह घंटों में मतदान के दौरान कश्मीर घाटी के शोपियां में 22.37 प्रतिशत, बडगाम में 47.44 प्रतिशत, अनंतनाग में 26.65 प्रतिशत, कुपवाड़ा में 34.11 प्रतिशत, बांडीपोरा में 34.18 प्रतिशत, गांदरबल में 36.26 प्रतिशत, श्रीनगर में 30 प्रतिशत, बारामुला में 25.58 प्रतिशत, पुलवामा में 6.8 प्रतिशत, कुलगाम में 24.49 प्रतिशत, अनंतनाग में 26.65 प्रतिशत वोट डाले गये हैं।