जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने मोदी से की मुलाकात, 14वें शिखर सम्मेलन में हुए शामिल
नईदिल्ली। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा दो दिवसीय दौरे पर आज भारत पहुंचे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उन्हें रिसीव कर उनकी अगवानी की है। उन्होंप शनिवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने इस दौरान द्विपक्षीय आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की।
Advancing friendship with Japan.
— PMO India (@PMOIndia) March 19, 2022
Prime Ministers @narendramodi and @kishida230 held productive talks in New Delhi. Both leaders discussed ways to boost economic and cultural linkages between the two countries. pic.twitter.com/GYhHjlarKY
प्रधानमंत्री कार्यालय ने दोनों नेताओं की मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट किया, "जापान के साथ दोस्ती को आगे बढ़ाना। प्रधानमंत्री मोदी और किशिदा ने नई दिल्ली में उपयोगी बातचीत की। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की।"
जापान का प्रधानमंत्री बनने के बाद फुमियो किशिदा पहली भारत दौरे पर आए है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से पहली बार मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हो रही है। बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने कहा की भारत और जापान, दोनों ही secure, trusted, predictable और stable energy supply के महत्व को समझते हैं।यह sustainable economic growth के लक्ष्य को पाने और climate change की समस्या से निपटने के लिए अनिवार्य है। हमारी Clean Energy Partnership इस दिशा में लिया गया एक निर्णायक कदम साबित होगा।
बुलेट ट्रेन में सहयोग -
आज भारत "Make in India for the world" के लिए असीम संभावनाएं प्रस्तुत करता है। इस संदर्भ में Japanese companies बहुत समय से एक प्रकार से हमारी brand ambassadors रही हैं। Dedicated Freight Corridor और Mumbai-Ahmedabad High Speed Rail जैसे हमारे flagship projects में जापान का सहयोग उल्लेखनीय रहा है। हम इस योगदान के लिए आभारी हैं। Mumbai-Ahmedabad High Speed Rail प्रोजेक्ट में अच्छी प्रगति हो रही है।
विश्व अभी भी Covid-19 और उसके दुष्प्रभावों से जूझ रहा है। वैश्विक Economic recovery की प्रक्रिया में अभी भी अडचनें आ रही हैं। Geo-political घटनाएँ भी नयी चुनौतियाँ प्रस्तुत कर रही हैं। इस सन्दर्भ में भारत-जापान partnership को और गहन करना सिर्फ दोनों देशों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है। इससे Indo-Pacific क्षेत्र और पूरे विश्व के स्तर पर भी peace, prosperity और stability को प्रोत्साहन मिलेगा।